महाकुंभ 2025: महाशिवरात्रि पर अंतिम शाही स्नान, भीड़ से बचकर कैसे पहुंचें संगम नगरी?
26 फरवरी 2025 को महाकुंभ का समापन महाशिवरात्रि के दिन अंतिम शाही स्नान के साथ होगा. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रयागराज में यातायात प्रतिबंध लागू किए गए हैं. संगम तक पहुंचने के लिए शटल बस, सार्वजनिक परिवहन और पैदल मार्गों का उपयोग करें. दिल्ली, लखनऊ और वाराणसी से प्रयागराज पहुंचने के आसान विकल्प जानें और भीड़ से बचने के उपाय अपनाएं.

प्रयागराज में जारी महाकुंभ का 26 फरवरी 2025 समापन हो रहा है. महाशिवरात्रि के दिन अंतिम शाही स्नान के साथ ही महाकुंभ का समापन हो जाएगा. इसे लेकर भारी संख्या में लोग स्नान करने प्रयागराज पहुंच रहे हैं. इसे लेकर लगभग सभी रेलवे स्टेशनों पर भीड़ दिख रही है. साथ ही सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही है.
अब आइये आपको बताते हैं कि अगर आप महाकुंभ जाना चाहते हैं तो किस तरह पहुंच सकते हैं और स्नान कर सकते हैं. इससे आपको भीड़ का सामना नहीं करना पड़े और ज्यादा पैदल चलना न पड़े.
मन में क्या-क्या है सवाल?
महाकुंभ 2025 भारत का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां देशभर से लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाने के लिए एकत्रित हो रहे हैं. कुंभ मेले में जाने से पहले लोगों के मन में कई सवाल उठते हैं कि कुंभ क्षेत्र में पहुंचने के बाद कितनी दूरी पैदल तय करनी होगी? अगर ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं तो रहने के लिए कौन-सा स्थान उपयुक्त होगा? भीड़ से बचने के लिए क्या करें? अगर आपके मन में भी ऐसे प्रश्न हैं, तो इसे पढ़कर आप सभी चीजों को जान सकते हैं.
4 बजे से मेला क्षेत्र में वाहन की नो एंट्री
महाशिवरात्रि और महाकुंभ पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए, मंगलवार को शाम 4 बजे से मेला क्षेत्र और शाम 6 बजे से प्रयागराज कमिश्नरेट को 'नो-व्हीकल जोन' घोषित किया गया है. प्रशासन ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे इस निर्णय का पालन करें और सुचारू यातायात व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधा में सहयोग दें.
पैदल जल्दी पहुंचने के लिए अपनाएं ये ट्रिक
अगर आप भीड़ से बचना चाहते हैं तो कुंभ मेला क्षेत्र में 4 बजे से वाहनों की नो एंट्री हो जाएगी. प्रवेश के लिए अलग-अलग मार्ग तय किए गए हैं, जिन्हें प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन को ध्यान में रखकर बनाया है. मुख्य प्रवेश द्वारों पर स्वयंसेवकों और पुलिस कर्मियों की मदद से सही मार्ग की जानकारी ले सकते हैं. मेले में लगे संकेत बोर्ड और डिजिटल सूचना स्क्रीन का पालन कर सकते हैं.
भीड़ से बचने के लिए कर सकते हैं ये उपाय
सबसे पहले, अपनी यात्रा की योजना पहले से बना लें और सुबह जल्दी या देर रात यात्रा करने का प्रयास करें, क्योंकि इन समयों पर भीड़ कम होती है. रेलवे स्टेशन से संगम तक पहुंचने के लिए विशेष शटल बस सेवाओं और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, जिससे लंबी दूरी पैदल चलने से बचा जा सके. यदि आप सड़क मार्ग से आ रहे हैं, तो प्रशासन द्वारा तय वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें और मुख्य प्रवेश द्वारों पर भीड़ की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मार्ग का चयन करें. क्योंकि भीड़ होने की वजह से लोगों को लंबा जाम में फंसना पड़ रहा है. होटल और ठहरने की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित कर लें ताकि अंतिम समय की परेशानियों से बचा जा सके. प्रशासन द्वारा लगाए गए संकेत बोर्ड, डिजिटल स्क्रीन और स्वयंसेवकों की सहायता से सही रास्ता खोजें और किसी भी तरह की असुविधा से बचें.
स्टेशन से संगम तक कैसे पहुंचें?
अगर आप रेलवे स्टेशन पर उतरते हैं तो रेलवे स्टेशन पर उतरने के बाद आपको संगम स्थल तक पहुंचने के लिए कई विकल्प मिलेंगे. रेलवे द्वारा विशेष शटल बस सेवा चलाई जा रही है, जिससे आप आसानी से मेला क्षेत्र के गेट तक पहुंच सकते हैं. इसके अलावा, स्थानीय पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे ऑटो, टैक्सी और ई-रिक्शा के माध्यम से भी पहुंच सकते हैं.
बस से कुंभ कैसे पहुंचें?
अगर आप बस से पहुंचना चाह रहे हैं तो आपको कचहरी बस अड्डा, झूंसी बस अड्डा, सरस्वती द्वार, बेली/बेला कछार, नेहरू पार्क, सरस्वती हाई-टेक सिटी और कुष्ठ बस स्टैंड पहुंचकर आसानी से महाकुंभ पहुंच सकते हैं और यहीं से बस पकड़कर आप अपने घर की ओर लौट सकते हैं.
दिल्ली से कैसे पहुंचे प्रयागराज?
दिल्ली से प्रयागराज की दूरी लगभग 700 किलोमीटर है. बस या कार से आप NH-19 के माध्यम से पहुंच सकते हैं. इससे भी आसान है कि आप कश्मीरी गेट पहुंचे और वहां से हर घंटे बस खुलती है, उसे पकड़कर सीधे प्रयागराज पहुंच सकते हैं. इसके अलावा ट्रेन से आने के लिए आप नई दिल्ली-प्रयागराज एक्सप्रेस, हमसफ़र एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस और वंदे भारत एक्सप्रेस पकड़ सकते हैं.
हवाई जहाज से कैसे पहुंचे?
हवाई यात्रा करने के लिए आपको सबसे पहले वाराणसी में लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा या लखनऊ में चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आना पड़ेगा. इसके बाद आप लखनऊ से NH-30 मार्ग से आप 4-5 घंटे और वाराणसी से NH-19 के माध्यम से लगभग 3 घंटे में प्रयागराज पहुंच सकते हैं.