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बैंड वालों की 'बैंड बजा रही' मुरादाबाद पुलिस की यह सलाह, कांवड़ यात्रा के बाद अब नया बखेड़ा

मुरादाबाद पुलिस ने मुस्लिम बैंड मालिकों को निर्देश दिया कि वे अपने बैंड के नामों में हिंदू देवताओं या उपनामों का प्रयोग न करें और अपने व्यवसाय का नाम बदलें. शिकायत के बाद बैठक में मुस्लिम बैंड मालिकों ने नाम बदलने पर सहमति जताई. व्यवसायियों को चिंता है कि इससे उनकी आजीविका प्रभावित होगी, क्योंकि अधिकतर बुकिंग्स हिंदू शादियों से आती हैं. यह विवाद कांवड़ यात्रा के नाम विवाद को भी याद दिलाता है.

बैंड वालों की बैंड बजा रही मुरादाबाद पुलिस की यह सलाह, कांवड़ यात्रा के बाद अब नया बखेड़ा
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( Image Source:  Sora AI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 22 Aug 2025 1:11 PM

मुरादाबाद के बैंड उद्योग में धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को लेकर नया विवाद उभरा है. शहर पुलिस ने मुस्लिम बैंड मालिकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अपने बैंड के नामों में हिंदू देवताओं या हिंदू उपनामों का प्रयोग न करें और अपने व्यवसाय का नाम बदलकर अपनी पहचान स्पष्ट करें. शहर में 500 से अधिक बैंड हैं, जिनमें से लगभग 20 बड़े प्रतिष्ठित बैंड मुस्लिम मालिकों द्वारा संचालित हैं.

टाइम्‍स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार यह कदम तब उठाया गया जब वकील शवी सिंह ने 9 जुलाई को मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई और कहा कि ऐसे नाम धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं. पुलिस ने दोनों पक्षों को बैठक में बुलाकर समझौता करवा दिया. मुस्लिम बैंड मालिकों ने नाम बदलने पर सहमति जताई, लेकिन मौजूदा बुकिंग्स पुराने नाम के तहत पूरी होंगी. इस विवाद ने शहर में संगीत व्यवसाय और धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान के बीच संवेदनशील संतुलन को उजागर किया है, खासकर कांवड़ यात्रा के दौरान मुस्लिम व्यवसायों के नाम विवाद की पृष्ठभूमि में.

वकील शवी सिंह ने की शिकायत

यह विवाद तब उठ खड़ा हुआ जब वकील शवी सिंह ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराईः उन्होंने कहा कि कुछ बैंड मालिक अपने बैंड के नामों में हिंदू देवी-देवताओं या हिंदू उपनाम जैसे शर्मा और अग्रवाल का प्रयोग कर रहे हैं, जो धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकता है. मुरादाबाद पुलिस ने दोनों पक्षों को बैठक में बुलाया. शहर के एसपी कुमार रणविजय सिंह ने कहा कि पुलिस के पास बैंडों के नाम बदलने का अधिकार नहीं है, लेकिन उन्होंने दोनों पक्षों को बैठाकर सामूहिक समझौता कराने का प्रयास किया. बैठक में मुस्लिम बैंड मालिकों ने नाम बदलने की सहमति जताई. उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा बुकिंग्स पुराने नाम के तहत पूरी की जाएंगी और नई बुकिंग्स नए नाम के तहत होंगी.

वकील शवी सिंह ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है, बल्कि व्यवसायिक पारदर्शिता और पहचान को सुनिश्चित करना है. उन्होंने उदाहरण दिया कि जैसे यूपी सरकार ने मुस्लिम खाने-पीने के व्यवसायों को अपने नाम सार्वजनिक करने के लिए कहा था, उसी तरह बैंड मालिकों को भी अपनी पहचान स्पष्ट करनी चाहिए.

मुस्लिम बैंड मालिकों की बढ़ी चिंता

हालांकि, इस फैसले ने मुस्लिम बैंड मालिकों में चिंता पैदा कर दी है. एक अज्ञात बैंड मालिक ने टाइम्‍स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि उनके व्यवसाय की 70% बुकिंग्स हिंदू शादियों से आती हैं और नाम बदलने से उनकी आजीविका प्रभावित हो सकती है. उन्होंने कहा, “अगर लोग जान जाएंगे कि हम मुस्लिम हैं, तो हमारी सेवाओं की मांग घट सकती है. इससे व्यवसाय और समुदाय के बीच तालमेल बिगड़ सकता है.” यह विवाद मुरादाबाद में हाल ही में हुई कांवड़ यात्रा के दौरान Muslim व्यवसायों द्वारा हिंदू नामों के इस्तेमाल की घटनाओं की याद दिलाता है. कुछ जगहों पर, जैसे मुजफ्फरनगर में, कुछ लोगों ने व्यवसाय मालिकों की पहचान की जांच करने तक की कोशिश की थी.

पुलिस ने बैठक के दौरान यह स्पष्ट किया कि नाम बदलने के बाद सभी व्यवसायिक गतिविधियों को पारदर्शिता के साथ चलाया जाए. यह कदम धार्मिक और सांस्कृतिक संतुलन बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया. पुलिस का कहना है कि अगर समय रहते यह कदम नहीं उठाया गया, तो विवाद और बढ़ सकता था. कुछ मुस्लिम बैंड मालिकों का मानना है कि इस दिशा-निर्देश से उनके व्यवसाय पर नकारात्मक असर पड़ेगा. उन्होंने सुझाव दिया कि धार्मिक पहचान और व्यवसाय के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए एक मध्यस्थ समिति बनाई जाए, जो नामकरण और सांस्कृतिक संवेदनाओं के बीच उचित संतुलन स्थापित करे.

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