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मिल्कीपुर में 65 प्रतिशत से ज्‍यादा हुई वोटिंग, सपा-भाजपा के बीच दिखा कड़ा मुकाबला

मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में शाम पांच बजे तक 65.25% मतदान हुआ, जो और बढ़ सकता है. यह सीट भाजपा और सपा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है. सपा ने धांधली के आरोप लगाए, जबकि प्रशासन ने चुनाव को शांतिपूर्ण बताया. प्रमुख मुकाबला भाजपा के चंद्रभानु पासवान और सपा के अजीत प्रसाद के बीच है. यह सीट 2022 में सपा ने जीती थी.

मिल्कीपुर में 65 प्रतिशत से ज्‍यादा हुई वोटिंग, सपा-भाजपा के बीच दिखा कड़ा मुकाबला
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Milkipur By Elections
सचिन सिंह
Edited By: सचिन सिंह

Updated on: 5 Feb 2025 11:14 PM IST

Milkipur By Elections: उत्तर प्रदेश की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शाम पांच बजे तक 65.25% से अधिक मतदान हुआ. निर्वाचन आयोग के अनुसार मतदान समाप्ति तक यह प्रतिशत और बढ़ सकता है, क्योंकि कतार में खड़े मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. यह उपचुनाव भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है, क्योंकि यह सीट अयोध्या जिले का हिस्सा है.

सपा ने उपचुनाव में धांधली के आरोप लगाए हैं. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक ऑडियो स्टिंग ऑपरेशन साझा कर चुनाव में फर्जी मतदान की आशंका जताई और चुनाव आयोग से संबंधित बूथों पर चुनाव रद्द करने की मांग की. साथ ही, उन्होंने पुलिस अधिकारियों द्वारा मतदाताओं के पहचान पत्र जांचने को लेकर भी आपत्ति जताई और इसे मतदाताओं को डराने का प्रयास बताया. हालांकि, अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करण नैयर ने इन आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि पुलिसकर्मी केवल मतदान एजेंटों की पहचान की पुष्टि कर रहे थे, मतदाताओं की नहीं.

अयोध्या सांसद ने लगाए आरोप

सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने भाजपा पर चुनावी धांधली करने और प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर का कई बार दौरा किया और चुनाव जीतने के लिए 16 मंत्रियों को तैनात किया, लेकिन मतदाता सपा के समर्थन में ही खड़े रहे. दूसरी ओर, अयोध्या के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने कहा कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो रहा है और किसी भी अवैध गतिविधि में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बीजेपी-सपा के बीच है मुकाबला

यह सीट अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है और यहां 3.71 लाख से अधिक मतदाता 10 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. मुख्य मुकाबला भाजपा के चंद्रभानु पासवान और सपा के अजीत प्रसाद के बीच माना जा रहा है. 2022 में इस सीट से सपा के अवधेश प्रसाद विधायक बने थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में अयोध्या सीट से सांसद बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया, जिससे यह सीट खाली हुई.

बीजेपी के लिए है प्रतिष्ठा की बात

राम मंदिर के उद्घाटन के बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को अयोध्या में हार का सामना करना पड़ा था, जिससे मिल्कीपुर का यह उपचुनाव पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. बसपा ने इस उपचुनाव में भाग नहीं लिया, जबकि कांग्रेस ने अपने गठबंधन सहयोगी सपा का समर्थन किया है. वहीं, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने भी अपना उम्मीदवार मैदान में उतारा है. 2022 के विधानसभा चुनाव में अयोध्या जिले में भाजपा की एकमात्र हारी हुई सीट मिल्कीपुर थी, जिसे वह हर हाल में वापस पाना चाहती है.

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