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पैसे के चक्कर में मर गई इंसानियत! 5100 रुपए के लिए नर्स ने नवजात को 40 मिनट तक मेज पर छोड़ा, मौत

मैनपुरी के एक अस्पताल में नेग के पैसे न मिलने पर नर्स ने एक नवजात बच्चे की जान ले ली. नर्स ने 5100 रुपये की मांग की. जब पैसे नहीं दिए तो उसने बच्चे को एक कपड़े में लपेटकर मेज पर रख दिया. बार-बार बोलने पर भी उसने बच्चा हमें नहीं दिया. हालात बिगड़ने से बच्चे की मौत हो गई.

पैसे के चक्कर में मर गई इंसानियत! 5100 रुपए के लिए नर्स ने नवजात को 40 मिनट तक मेज पर छोड़ा, मौत
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( Image Source:  sora ai )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 26 Nov 2025 1:14 PM IST

Mainpuri News: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी स्थित अस्पताल से बड़ी लापरवाही की खबर सामने आई है. यहां पर नेग के पैसे न मिलने पर नर्स ने एक नवजात बच्चे की जान ले ली. ड्यूटी पर तैनात नर्स ने 5100 रुपये के लिए 40 मिनट तक बच्चे को मेज पर रख दिया.

जानकारी के अनुसार बच्चे के माता-पिता नर्स के हाथ-पैर जोड़ते रहे लेकिन उसने बच्चे को उन्हें नहीं सौंपा. परिवार के लोगों ने जब नर्स को पैसे दिए तब जाकर उसने परिवार को बच्चा दिया. इस लापरवाही की वजह से मासूम की हालात खराब हो गई और उसकी मौत हो गई.

परिवार ने की कार्रवाई की मांग

मृतक नवजात बच्चे की परिवार वालों ने नर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. परिजन ने अब सीएम समेत जिला स्तरीय अधिकारियों से स्टाफ के खिलाफ एक्शन लेने को कहा है. इसके लिए मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भी भेजा गया है. बच्चे के पिता सुजीत कुमार ने बताया कि उसने 18 सितंबर को अपनी पत्नी संजली को अस्तपताल में भर्ती कराया था. यहां तैनात नर्स ज्योति और स्टाफ ने उसके साथ अभद्रता की.

नर्स ने की 5100 रुपये की मांग

बच्चे के पिता ने बताया कि डिलीवरी के बाद नर्स ने 5100 रुपये की मांग की. जब पैसे नहीं दिए तो उसने बच्चे को एक कपड़े में लपेटकर मेज पर रख दिया. बार-बार बोलने पर भी उसने बच्चा हमें नहीं दिया. हालात बिगड़ने से बच्चे की मौत हो गई. उसे आनन-फानन में सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. वहां पहुंचते ही बच्चे ने दम तोड़ दिया.

सदमे में बच्चे की मां

सुजीत कुमार ने बताया बच्चे की मौत के बाद मेरी पत्नी संजली सदमे में है. उसकी जान खतरे में है. सुजीत ने शिकायत पत्र में कहा है कि अगर मेरी पत्नी को कुछ हुआ तो उसके लिए अस्पताल का स्टाफ जिम्मेदार होगा. परिजन का आरोप है कि क्षेत्रीय आशा भी स्वास्थ्य केंद्र पर थी. डिलीवरी में देरी पर परिजन ने आशा वर्कर से कहा था कि डॉक्टर को बुलाओ. लेकिन उसने कहा ज्योति (नर्स) ही डॉक्टर है. जबकि बाद में पता चला ज्योति डॉक्टर नहीं है. पुलिस ने जांच के लिए टीम का गठन किया है. दोषी पाए जाने पर नर्स और अस्पताल के स्टाफ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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