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महाकुंभ के पहले दिन डेढ़ करोड़ लोगों ने संगम में लगाई पुण्य की डुबकी, देखें पहुंच रहे कैसे-कैसे बाबा

प्रयागराज महाकुंभ 2025 का आज से आगाज हो गया है. पहले दिन पौष पूर्णिमा पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई. सीएम योगी ने खुद एक्स पर पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी. महाकुंभ का हिस्सा बनने कम्प्यूटर बाबा, हिटलर बाबा, अनाज वाले बाबा, बुलट बाबा और रुद्राक्ष बाबा जैसे कई बाबा टेंट सिंटी पहुंचे हैं, जो लोगों के बीच चर्चा का केंद्र हैं.

महाकुंभ के पहले दिन डेढ़ करोड़ लोगों ने संगम में लगाई पुण्य की डुबकी, देखें पहुंच रहे कैसे-कैसे बाबा
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Mahakumbh 2025: प्रयागराज की पावन धरा पर सनातन संस्कृति का महापर्व महाकुंभ 2025 की आज से शुरुआत हो गई है. यह महापर्व आज से 28 फरवरी तक चलेगा. पहले दिन संगम में डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी खुद X पर पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी है. उन्होंने महाकुंभ के प्रथम स्नान को सफलतापूर्वक पूरा करने पर मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन और नगर निगम आदि की जमकर तारीफ की.

सीएम योगी ने कहा, मानवता के मंगलवपर्व महाकुंभ 2025 में पौष पूर्णिमा के शुभ अवसर पर संगम स्नान का सौभाग्य प्राप्त करने वाले सभी संतगणों, कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन. प्रथम स्नान पर्व पर आज 1.50 करोड़ सनातन आस्थावानों ने अविरल-निर्मल त्रिवेणी में स्नान का पुण्य लाभ अर्जित किया. प्रथम स्नान पर्व को सकुशल संपन्न कराने में सहभागी महाकुंभ मेला प्रशासन, प्रयागराज प्रशासन, यूपी पुलिस, नगर निगम प्रयागराज, स्वच्छाग्रहियों, गंगा सेवा दूतों, कुम्भ सहायकों, धार्मिक-सामाजिक संगठनों, विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों और मीडिया जगत के बंधुओं सहित महाकुंभ से जुड़े केंद्र व प्रदेश सरकार के सभी विभागों को हृदय से साधुवाद!

स्प्लेंडर बाबा पहुंचे महाकुंभ

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम महाकुंभ में शामिल होने आम लोगों के साथ कई संत भी पहुंचे. इनमें से एक संत को हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल पर सवार होकर टेंट सिटी में जाते हुए देखा गया है. वहीं, स्प्लेंडर बाबा के नाम से मशहूर एक अन्य साधु तीन पहिया मोटरसाइकिल पर गुजरात से 14 दिन बाद प्रयागराज पहुंचे. वहीं, चाबी वाले बाबा भी महाकुम्भ में दिखाई दिए, जो अपने साथ 20 किलो की चाबी लेकर घूमते हैं.

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३२ साल से नहीं नहाए हैं छोटू बाबा

छोटू बाबा भी महाकुम्भ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं. वे असम के कामाख्या पीठ से आए हुए हैं. कहा जाता है कि उन्होंने 32 साल से स्नान नहीं किया है. वे 57 साल के हैं. उनकी हाइट 3 फीट 8 इंच का है. वहीं, चाय वाले बाबा भी संगम नगरी में लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. उन्होंने 40 साल से सिविल सेवा की तैयारियों करने वाले छात्रों को मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं. उनका असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है. उन्होंने मौन व्रत लिया हुआ है. वे दिन में 10 कप चाय पीते हैं. वे इशारों और व्हाट्सएप संदेशों के माध्यम से छात्रों की मदद करते हैं.

9 साल से एक हाथ उठाए हुए हैं राधे पुरी बाबा

राबड़ी बाबा भी महाकुम्भ का हिस्सा बनने के लिए टेंट सिटी में पधारे हुए हैं. वे अपनी 50 साल पुरानी एंबेसडर कार से महाकुम्भ पहुंचे हैं. इसके अलावा, एक संत ऐसे भी हैं, जिन्होंने 9 साल से अपना हाथ उठाया हुआ है. उनका नाम राधे पुरी बाबा है. उनके नाखून उंगलियों से भी लंबे हो चुके हैं. वहीं, पेड़ लगाने का संदेश लेकर आचार्य महामंडलेश्वर अरुणा गिरी या पर्यावरण बाबा भी महाकुम्भ पहुंचे हैं.

महाकुम्भ 2025 में गीतानंद महाराज भी लोगों के आकर्षण का केंद्र हैं. उन्होंने अपने सिर पर 45 किलो वजन के रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं. उनका जन्म 1987 में पंजाब के कोट का पुरवा गांव में हुआ. उन्होंने 12 साल की उम्र में संन्यास लिया. वे श्री शंभू पंचदशनाम आवाहन अखाड़े के नागा संन्यासी हैं. वे 18 साल की उम्र पूरी करने के बाद संन्यासी बने.

रुद्राक्ष बाबा और अनाज वाले बाबा

महाकुंभ में रुद्राक्ष बाबा भी दिखाई दिए. उन्होंने अपने सारे शरीर पर रुद्राक्ष धारण किए हैं. वे नागा संन्यासी हैं. उनका नाम विजय पुरी है. वहीं, महाकुम्भ में अनाज वाले बाबा भी दिखाई दे रहे हैं. वे सिर पर अपने अनाज उगाए हुए हैं.

अनाज वाले बाबा ने कहा कि जब फसल तैयार हो जाएगी तो मौनी अमावस्या के दिन वे इसे श्रद्धालुओं में बांट देंगे. वे हरियाली और विश्व शांति का संदेश देने महाकुम्भ में आए हैं.

कम्प्यूटर बाबा और मोक्षपुरी बाबा

कम्प्यूटर बाबा भी महाकुम्भ में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे हैं. उनका असली नाम नामदेव दास है. ये अपने साथ हमेशा लैपटॉप रखते हैं. वे दिगंबर अनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर हैं वहीं, अमेरिका से महाकुंभ आए मोक्षपुरी बाबा भी लोगों के बीच चर्चा का केंद्र हैं. वे जूना अखाड़ा के संत हैं. उन्होंने 2000 में पहली बार भारत का दौरा किया था. वे पहली बार 2016 के उज्जैन कुंभ में शामिल हुए थे.

एनवायरनमेंट बाबा के हाथ में हमेशा रहता है चांदी की दंड

इसके अलावा महाकुंभ में हिटलर बाबा, बुलट वाले बाबा, बवंडर बाबा और ट्रंप बाबा भी आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. इसके अलावा, एनवायरनमेंट बाबा भी काफी चर्चा में हैं. उनका असली नाम आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरि है. उन्होंने 15 अगस्त 2016 को मां वैष्णो देवी मंदिर से कन्याकुमारी तक पद यात्रा निकालकर 27 लाख पौधे बांटे थे. वे महाकुंभ में 51 हजार पौधे बांटना चाहते हैं. उनके हाथ में हमेशा चांदी का दंड रहता है. उनकी पहचान स्वर्ण आभूषण है. वे कलाई में सोने के कई कड़े और बाजूबंद पहनते हैं.

हिटलर बाबा

हिटलर बाबा दिगंबर अनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर माधव दास को कहा जाता है. उन्होंने 1992 में संन्यास लिया. उनके गुरु रघुवर दास ने उनका नाम माधव दास रखा था. वे अपने काम को मनमर्जी तरीके से करते थे. एक सुबह गुरु के मुख से अचानक निकल पड़ा कि ये तो हिटलर हो गया है. किसी की सुनता ही नहीं है. कहा जाता है कि तभी से माधव दास हिटलर बाबा हो गए.

ट्रंप बाबा

ट्रंप बाबा का असली नाम कंचनदास जी महाराज है. वे एम.कॉम किए हुए हैं. उन्होंने 2004 में संन्यास लिया. वे फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं. वे डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद 2017 से उनकी हर गतिविधि पर नजर रखने लगे. कंचन दास की कद काठी भी ट्रंप जैसी ही थी. इसीलिए गुरु ने उनका उपनाम ट्रंप रख दिया.

बुलट बाबा

बुलट बाबा का असली नाम भैरव दास है. उनके हाथ में फरसा और बुलट पहचान है. वे पूजापाठ पूरा करने के बाद बुलट से घूमते थे. इसी से उनका नाम बुलट बाबा रख दिया गया. बवंडर बाबा इंदौर के रहने वाले हैं. इन्होंने देवी-देवताओं के चित्रों के अपमान के खिलाफ अभियान चला रखा है.

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