Begin typing your search...

ब्रह्मोस अब यूपी से गरजेगा! सीएम योगी ने कहा- ताकत देखनी हो तो पाकिस्तान से पूछ लेना

लखनऊ के डिफेंस कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल प्रोडक्शन यूनिट का वर्चुअल उद्घाटन हुआ. सीएम योगी ने इसे आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम बताया. हर साल 100 से अधिक मिसाइलें बनेंगी. योगी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को चेताया कि अब जवाब शब्दों में नहीं, ब्रह्मोस से मिलेगा. यह यूनिट भारत की आत्मनिर्भर रक्षा नीति का प्रतीक है.

ब्रह्मोस अब यूपी से गरजेगा! सीएम योगी ने कहा- ताकत देखनी हो तो पाकिस्तान से पूछ लेना
X
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 11 May 2025 6:07 PM IST

भारत की सैन्य ताकत को स्वदेशी उत्पादन की नई उड़ान मिली है. लखनऊ के डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की उत्पादन इकाई का वर्चुअल उद्घाटन किया. यह वही ब्रह्मोस है, जिसकी गर्जना से दुश्मन सहम जाते हैं और जिसकी क्षमता ने भारत को मिसाइल तकनीक में वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाई है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन समारोह में मौजूद रहकर ब्रह्मोस को आतंकवाद के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी रणनीतिक ढाल बताया. उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि 'आतंकवाद कुत्ते की पूंछ है, जो सीधी नहीं होती. उसे उसकी भाषा में जवाब देना होगा.' यह सिर्फ बयान नहीं था, बल्कि भारत की बदलती सैन्य और राजनीतिक सोच का एक स्पष्ट संकेत था.

ऑपरेशन सिंदूर का हवाला

मुख्यमंत्री ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का संदर्भ देते हुए पाकिस्तान पर कटाक्ष किया और कहा कि अगर ब्रह्मोस की ताकत देखनी है तो पाकिस्तान से पूछो. यह बयान न सिर्फ एक राजनीतिक टिप्पणी थी, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब जवाबी कार्रवाई में केवल बयान नहीं, तकनीकी शक्ति का इस्तेमाल करता है.

हर साल बनेगी 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइल

डिफेंस कॉरिडोर में स्थापित यह यूनिट हर साल 80 से 100 ब्रह्मोस मिसाइल और 100 से 150 नेक्स्ट जनरेशन मिसाइलें बनाएगी. यह न केवल स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार का नया द्वार खोलेगा, बल्कि भारत को आयात निर्भरता से मुक्त कर आत्मनिर्भर रक्षा राष्ट्र बनने की दिशा में तेज़ी से आगे ले जाएगा.

नेक्स्ट जेनरेशन ब्रह्मोस लाएगा क्रांति

नई पीढ़ी की ब्रह्मोस मिसाइलें अब एक साथ तीन तक सुखोई जैसे लड़ाकू विमानों में फिट हो सकेंगी. इसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर से अधिक होगी, जबकि वजन पुराने वर्जन की तुलना में काफी कम (1,290 किलोग्राम) होगा. यह परिवर्तन भारत की एयर-स्ट्राइक क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा.

'फायर एंड फॉरगेट' टेक्नोलॉजी से लैस

300 करोड़ रुपये की लागत से तैयार यह यूनिट भारत और रूस के साझा उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस की तकनीकी सफलता का जीता-जागता उदाहरण है. जमीन, समुद्र और हवा से छोड़े जा सकने वाली यह मिसाइल फायर एंड फॉरगेट प्रणाली पर आधारित है, जो दुश्मन को चकमा देने और सटीक वार करने में सक्षम है.

योगी आदित्‍यनाथ
अगला लेख