प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव का पंजाबी लुक वायरल, लाल पगड़ी पहने आए नजर, पंजाब को लेकर कही ये बातें
प्रेस कॉन्फ्रेंस में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का नया लुक चर्चा में आ गया. कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश को लाल पगड़ी पहनाई गई, जिसे देखकर सोशल मीडिया पर उनके लुक की तस्वीरें तेजी से वायरल हो रहा. इस दौरान अखिलेश ने पंजाब के किसानों और वहां की संस्कृति को लेकर अहम बातें कहीं और साफ संदेश दिया कि समाजवादी पार्टी हर वर्ग और हर प्रदेश के सम्मान में हमेशा खड़ी रहेगी.

शुक्रवार को लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय का नज़ारा कुछ अलग था. मंच पर सिख समाज की ओर से सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लाल पगड़ी पहनाई गई. सरदार के लुक में नजर आते अखिलेश न सिर्फ सम्मानित हो रहे थे, बल्कि संदेश भी दे रहे थे कि आने वाले वक्त में सत्ता के समीकरण बदल सकते हैं.
किसानों के परिवारों को सम्मानित करने से लेकर पंजाबी गाने की लॉन्चिंग तक, यह पूरा आयोजन 2027 के चुनावी रण का संकेत दे रहा था. चलिए जानते हैं अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या-क्या कहा.
लाल पगड़ी का प्रतीक और सपा का दावा
अखिलेश यादव ने पगड़ी पहनते ही कहा कि 'लाल पगड़ी खुशी का प्रतीक है और अब खुशी आने वाली है, क्योंकि सपा की सरकार बनने वाली है." यह बयान सिर्फ मंच पर कहे गए शब्द नहीं थे, बल्कि चुनावी माहौल का एलान था. उन्होंने साफ किया कि किसानों की शहादत और उनकी तकलीफ को सपा कभी नहीं भूलेगी.'
पंजाब के नुकसान की भरपाई की मांग
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने सपा प्रमुख ने पंजाब में हुए नुकसान का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि 'पंजाब में बड़े पैमाने पर लोगों की जान गई, खेती तबाह हुई, किसान बर्बाद हुए. हमारी अपील है कि फसल, घर या जान-माल जितना नुकसान हुआ है. उसकी भरपाई सरकार करे.' यह बयान किसानों के मुद्दे पर सपा की एकजुटता और संवेदनशीलता का प्रदर्शन था.
पंजाबी गाने से चुनावी थीम लॉन्च
इस कार्यक्रम में एक और दिलचस्प पहलू था. एक पंजाबी गाना रिलीज किया गया. यह गाना 20 सेकेंड का है और 2027 के चुनाव की थीम पर तैयार किया गया है. गाने में अखिलेश को "यादव का शेरा" और "मुलायम का लाल" बताया गया है. यही नहीं, उन्हें "यूपी का नेता" कहकर पेश किया गया है. यह गाना न सिर्फ चुनावी जोश जगाने के लिए है, बल्कि सिख समाज और पंजाबी पहचान से जुड़ने की कोशिश भी है.
सिख समाज को कैबिनेट में भागीदारी का वादा
अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिख समाज को भरोसा दिलाया कि भविष्य की सरकार में उनकी भूमिका और सहयोग तय होगा. उन्होंने कहा कि 'इतना भरोसा आपको है कि भाजपा की सरकार नहीं बनेगी, उससे ज्यादा भरोसा हमें सिख समाज पर है. नेता जी ने पहले भी यह साबित किया है कि बिना सदन में सदस्य बनाए भी सिख समाज को कैबिनेट में शपथ दिलाई जा सकती है.' यह बयान सपा की रणनीति का हिस्सा है. अल्पसंख्यकों और किसान समाज के भरोसे को चुनावी शक्ति में बदलना.
नेपाल की सियासत और यूपी की तुलना
नेपाल में तख़्तापलट का अखिलेश यादव ने यूपी से जोड़कर कहा. उन्होंने कहा कि 'अगर वोट की डकैती हुई, तो यूपी की जनता भी सड़कों पर उतर आएगी. इतना कहकर अखिलेश ने सीधे मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'यहां बाबा ने कब्ज़ा कर रखा है, लेकिन चुनाव आयोग भाजपा का ‘जुगाड़ आयोग’ नहीं बनेगा.' इन बातों से साफ था कि अखिलेश सिर्फ बयान नहीं दे रहे थे, बल्कि आने वाली सियासी लड़ाई का बिगुल बजा रहे थे.
भ्रष्टाचार और डिजिटल अरेस्ट पर वार
सभा में माहौल पहले से ही गर्म था और तभी अखिलेश यादव ने भ्रष्टाचार, अपहरण और डिजिटल अरेस्ट जैसे मुद्दे उठा दिए. यूपी इन मामलों में देश में सबसे आगे है. इसके बाद अखिलेश ने लखनऊ नगर निगम की स्वच्छता रैंकिंग पर ऐसा सवाल खड़ा किया, जिसने सबको चौंका दिया. मुस्कुराते हुए लेकिन तंज कसते लहजे में बोले कि जो एजेंसी लखनऊ नगर निगम को तीसरा स्थान देती है, उस पर मुकदमा होना चाहिए.