क्या महाकुंभ का प्रचार करना गुनाह? योगी ने विधानसभा में विपक्ष को चुन- चुन कर धोया, दिया हर सवाल का जवाब
प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों और आयोजन को लेकर उठ रहे सवालों के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुंभ पर राजनीति करना उचित नहीं है. इसी के साथ मुख्यमंत्री ने भगदड़ हादसे से लेकर विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया है.

बजट सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को लेकर उठे विवादों पर कड़ा जवाब दिया. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा महाकुंभ को "मृत्युकुंभ" कहे जाने पर भी तीखा वार किया है. एक और जहां अखिलेश यादव ने उनके इस बयान का समर्थन किया है वहीं संत से लेकर सभी सत्ता दल ने इसका विरोध किया और माफी की मांग की है. वहीं महाकुंभ में हुए भगदड़ हादसे पर भी सीएम योगी ने तीखा वार किया है.
यूपी विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, 'जब हम यहां चर्चा में भाग ले रहे हैं, उस समय 56.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में डुबकी लगा चुके हैं. जब हम सनातन धर्म, मां गंगा, भारत या महाकुंभ के खिलाफ कोई बेबुनियाद आरोप लगाते हैं या फर्जी वीडियो बनाते हैं, तो यह इन 56 करोड़ लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ करने जैसा है. यह आयोजन किसी विशेष पार्टी या संगठन द्वारा आयोजित नहीं किया जाता है. यह आयोजन समाज का है.
आगे उन्होंने कहा कि, 'सरकार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए एक सेवक के रूप में है. यह हमारा सौभाग्य है कि हमारी सरकार को इस सदी के महाकुंभ से जुड़ने का मौका मिला. तमाम झूठे अभियानों को नजरअंदाज करते हुए देश और दुनिया ने इस आयोजन में भाग लिया और इसे सफलता की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया.
सीएम योगी ने कहा कि, 'महाकुंभ के सात दिन बचे हैं और आंकड़ों के मुताबिक, आज दोपहर तक 56 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं. हमारी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जो 29 जनवरी को भगदड़ का शिकार हुए थे और उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने कुंभ के लिए यात्रा करते समय सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाई. हमारी संवेदनाएं परिजनों के साथ हैं, सरकार उनके साथ खड़ी है, सरकार उनकी हरसंभव मदद करेगी लेकिन इसका राजनीतिकरण करना कितना उचित है?'
अभी सात दिन बाकी हैं...
उत्तर प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा ने कहा कि, 'यह कार्यक्रम किसी विशेष पार्टी या सरकार द्वारा आयोजित नहीं किया गया था .यह समाज का है, जबकि सरकार केवल इसकी सुविधा दे रही है. हम इस कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए सेवक के रूप में वहां हैं. उत्सव के सात दिन अभी भी बाकी हैं. आज दोपहर तक, 56 करोड़ 26 लाख भक्तों ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई है.'
महाकुंभ में भगदड़ पर हादसे पर क्या बोले योगी?
महाकुंभ में मची भगदड़ पर उन्होंने कहा, 'हमारी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जो 29 जनवरी को भगदड़ से प्रभावित हुए थे, साथ ही उन श्रद्धालुओं के साथ भी हैं जिन्होंने डुबकी लगाकर लौटते समय हादसों में अपनी जान गंवा दी. हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और हमारी संवेदनाएं उनके परिवारों के साथ हैं. सरकार उनके साथ खड़ी है. हालांकि, इस घटना का राजनीतिकरण करना उचित नहीं है. भगदड़ की बात करने वाले 1954 को याद करें, कौन VIP कल्चर की बात कर रहा है. अब तो सपा वाले भी मुहूर्त देखने लगे.
यूपी विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, 'वे (विपक्ष) पहले दिन से ही महाकुंभ के खिलाफ हैं. पिछले सत्र में महाकुंभ पर चर्चा और तैयारी चल रही थी. हम योजनाओं पर चर्चा करते और आपके सुझाव लेते, लेकिन आपने सदन नहीं चलने दिया. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पूछा कि महाकुंभ पर पैसा खर्च करने की क्या जरूरत थी. समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल पर ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया गया जो कोई भी सभ्य समाज इस्तेमाल नहीं करेगा.
'एक ने फालतू कहा तो एक ने 'मृत्यु कुंभ'
वही सीएम ने कहा कि लालू यादव ने कुंभ को 'फालतू' बताया. जिसके बाद बंगाल की मुख्यमंत्री ने महाकुंभ को मृत्यु कुंभ बताया. जिसके बाद एक और सपा साथी ने इनका समर्थन किया. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राजद और टीएमसी नेताओं ने गैरजिम्मेदाराना बयान दिया. अगर सनातन धर्म से जुड़े कार्यक्रम आयोजित करना अपराध है, तो हमारी सरकार वह अपराध करती रहेगी.
यूपी विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, 'किसी भी बड़े काम को तीन चरणों से गुजरना पड़ता है: उपहास, विरोध और स्वीकृति. स्वीकार्यता का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि शुरुआत से ही इसका विरोध करने वाले सपा प्रमुख (अखिलेश यादव) चुपचाप वहां (महाकुंभ) गए और पवित्र डुबकी लगाई.