UP के इस जगह इंसान नहीं भूत कर रहे मजदूरी! मनरेगा के पैसे भी निकाले, अफसर हुए हैरान
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मनरेगा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां मृत व्यक्तियों के नाम पर जॉब कार्ड बनाए गए और उनके खातों से मजदूरी की रकम निकाल ली गई. जांच में यह घोटाला उजागर होने के बाद ग्राम प्रधान से वसूली शुरू कर दी गई है.

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मनरेगा योजना के तहत एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां मरे हुए लोगों को जिंदा दिखाकर उनके नाम से मजदूरी निकाल ली गई. मामला तब सामने आया जब कई ग्रामीणों को पता चला कि उनके नाम पर जॉब कार्ड बने हुए हैं, जबकि उन्होंने कभी काम ही नहीं किया.
जिला प्रशासन की जांच में यह सामने आया कि एक दर्जन से ज्यादा मृत व्यक्तियों के नाम से जॉब कार्ड बनाए गए थे और उनके खातों में मनरेगा के तहत मजदूरी भेजी गई थी. हैरानी की बात यह है कि जिनके नाम पर भुगतान हुआ, वे या तो मर चुके हैं या फिर कभी काम पर गए ही नहीं.
क्या बोले ग्रामीण?
ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान ने बिना पूछे उनके जॉब कार्ड बनवा दिए, और बाद में उनसे जुड़ी मजदूरी अपने चहेतों के खातों में डलवा दी. कुछ मामलों में मृतकों के बैंक खातों को भी एक्टिव दिखाकर पैसे निकाले गए.
जिला प्रशासन ने पूरे मामले की जांच के बाद ग्राम प्रधान को दोषी पाया और उससे वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है. प्रशासन का कहना है कि संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी सभी शिकायतों की फिर से जांच की जाए ताकि किसी और गरीब को उसका हक न मिल पाने का नुकसान न हो.
यह मामला न केवल सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि ग्रामीण विकास योजनाएं किस तरह कुछ लोगों के लालच की भेंट चढ़ रही हैं. मनरेगा जैसी योजना का मकसद गरीबों को रोजगार देना है, लेकिन जब 'भूत' मजदूरी करने लगें, तो ये सवाल खड़े होना लाज़मी हैं कि निगरानी और जवाबदेही कहाँ है?