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VIP नंबर प्लेट, नकली झंडे और हवाला का खेल! STF के हत्थे चढ़ा 'फर्जी एम्बेसडर', गाजियाबाद में चला रहा था अवैध दूतावास

उत्तर प्रदेश एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की नोएडा यूनिट ने मंगलवार (22 जुलाई 2025) को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए गाजियाबाद में चल रहे अवैध दूतावास का पर्दाफाश किया है. इस ऑपरेशन में कविनगर निवासी हर्ष वर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया है, जो खुद को कई देशों का कॉन्सुल और एम्बेसडर बताकर लोगों को ठग रहा था.

VIP नंबर प्लेट, नकली झंडे और हवाला का खेल! STF के हत्थे चढ़ा फर्जी एम्बेसडर, गाजियाबाद में चला रहा था अवैध दूतावास
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 23 July 2025 1:56 PM

गाजियाबाद में यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने मंगलवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया. यहां एक शख्स ने पूरी दुनिया को अपने झांसे में डालकर करोड़ों का खेल खेला. नाम है हर्ष वर्धन जैन, जिसने अपने रईसी ठाठ और फर्जी डिप्लोमैटिक स्टेटस के दम पर खुद को वेस्ट आर्कटिका समेत कई काल्पनिक देशों का कॉन्सुल और एम्बेसडर बता दिया. कविनगर के पॉश इलाके में किराए के मकान से ‘अवैध दूतावास’ चलाने वाला यह शख्स सिर्फ एक फर्जीवाड़ा नहीं, बल्कि अपराध की दुनिया का ऐसा किंगपिन निकला, जो शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट से लेकर विदेश में नौकरी दिलाने की आड़ में दलाली तक करता था.

हर्ष वर्धन जैन की कारों पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी थीं. उसके पास विदेश मंत्रालय की मोहर लगी फाइलें, नकली पासपोर्ट, फर्जी पैन कार्ड, विदेशी मुद्रा, करोड़ों की नकदी और डिप्लोमैटिक प्लेट्स का जखीरा मिला. इतना ही नहीं, वह सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे बड़े नेताओं के साथ मॉर्फ की गई तस्वीरें डालकर लोगों को गुमराह करता था. चौंकाने वाली बात यह है कि हर्ष वर्धन का कनेक्शन कुख्यात चंद्रास्वामी और इंटरनेशनल आर्म्स डीलर अदनान खगोशी से भी सामने आया है.

कैसे चल रहा था फर्जी दूतावास का खेल?

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि आरोपी हर्षवर्धन जैन ने कविनगर के केबी-35 स्थित किराए के मकान में खुद को West Arctica, Saborga, Poulvia, Lodonia जैसे काल्पनिक या माइक्रोनेशन देशों का एम्बेसडर घोषित कर रखा था. वह डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी लग्जरी गाड़ियों से घूमता और लोगों को प्रभावित करने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और अन्य वीवीआईपी के साथ मॉर्फ की गई तस्वीरों का उपयोग करता था.

हर्षवर्धन का मुख्य काम कंपनियों और निजी व्यक्तियों को विदेश में नौकरी या प्रोजेक्ट दिलाने के नाम पर मोटी रकम वसूलना था. इसके अलावा वह शेल कंपनियों के जरिए हवाला रैकेट भी चला रहा था. जांच में यह भी सामने आया कि उसका संपर्क चंद्रास्वामी और अदनान खशोगी (अंतरराष्ट्रीय हथियार डीलर) जैसे विवादित नामों से रहा है.

पुराना आपराधिक रिकॉर्ड

एसटीएफ के अनुसार, यह कोई पहली घटना नहीं है. साल 2011 में भी हर्षवर्धन से एक अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था, जिसके लिए कविनगर थाने में केस दर्ज किया गया था.

भारी मात्रा में बरामदगी

एसटीएफ ने आरोपी के कब्जे से चौंकाने वाली बरामदगी की है, जिसमें शामिल हैं:

  • डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट लगी 4 गाड़ियां
  • 12 माइक्रोनेशन देशों के डिप्लोमैटिक पासपोर्ट
  • विदेश मंत्रालय की मोहर वाले कोडेड दस्तावेज
  • 2 फर्जी पैन कार्ड
  • 34 अलग-अलग देशों और कंपनियों की मोहरें
  • 2 फर्जी प्रेस कार्ड
  • ₹44,70,000 नगद
  • कई देशों की विदेशी मुद्रा
  • 18 डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट और अन्य दस्तावेज
  • मामला दर्ज, आगे की जांच शुरू

फर्जी दूतावास और हवाला रैकेट के इस पूरे मामले में थाना कविनगर गाजियाबाद में मामला दर्ज हुआ है. एसटीएफ अब आरोपी से पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस रैकेट में और कौन-कौन लोग शामिल हैं. यह खुलासा पुलिस के लिए ही नहीं, सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी एक बड़ा अलर्ट है क्योंकि आरोपी ने सरकारी तंत्र और कूटनीतिक व्यवस्था की आड़ लेकर फर्जी नेटवर्क खड़ा कर लिया था.

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