Begin typing your search...

स्कूल की शर्मनाक लापरवाही! भूख प्यास से मर गया कमरे में बंद कुत्ता, बच्चों को 50 रुपये देकर शव उठवाना चाहती थी मैडम

हमीरपुर जिले के सरकारी विद्यालय से चौंकाने वाला मामला सामने आया है. स्वतंत्रता दिवस पर मिड डे मील कमरे में बंद हुआ कुत्ता भूख-प्यास से मर गया. दुर्गंध फैलने पर प्रधानाध्यापिका ने सफाईकर्मी बुलाने के बजाय बच्चों को 50 रुपये देकर शव हटवाने की पेशकश की. वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ा और शिक्षा विभाग ने जांच के आदेश दिए.

स्कूल की शर्मनाक लापरवाही! भूख प्यास से मर गया कमरे में बंद कुत्ता, बच्चों को 50 रुपये देकर शव उठवाना चाहती थी मैडम
X
( Image Source:  X/HamirpurHalchal )
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 20 Aug 2025 8:09 AM

हमीरपुर जिले के मौदहा ब्लॉक के कुंहेटा गांव के प्राथमिक विद्यालय में ऐसा मामला सामने आया जिसने शिक्षा व्यवस्था की लापरवाही उजागर कर दी. स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण के बाद स्कूल बंद कर दिया गया और उसी दौरान एक कुत्ता एमडीएम (मिड डे मील) के कमरे में बंद हो गया. तीन दिन की छुट्टियों के दौरान वह भूख-प्यास से तड़पकर मर गया. सोमवार को जब स्कूल खुला तो कमरे से भीषण दुर्गंध फैली और मामला सामने आया.

घटना के बाद विद्यालय पहुंची प्रधानाध्यापिका कविता का व्यवहार और भी चौंकाने वाला रहा. उन्होंने मृत कुत्ते के शव को हटवाने के लिए किसी सफाईकर्मी को नहीं बुलाया बल्कि बच्चों को ही 50 रुपये का लालच देकर शव बाहर फेंकने को कहा. बच्चों के इंकार करने पर शव कमरे में ही पड़ा रहा और बदबू से पूरा परिसर प्रभावित रहा.

वीडियो हुआ वायरल

मृत कुत्ते का शव पड़े होने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होते ही ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया. लोगों ने आरोप लगाया कि विद्यालय प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहा है. अभिभावकों और सहायक अध्यापिका रजनी ने भी प्रधानाध्यापिका पर आरोप लगाया कि वे समय से स्कूल नहीं आतीं और कक्षाओं के ताले तक खोलने में लापरवाही करती हैं.

स्वतंत्रता दिवस पर बंद कर गए थे शिक्षक

ग्रामीणों ने बताया कि 15 अगस्त को झंडारोहण के बाद विद्यालय प्रबंधन जल्दबाजी में घर चला गया और कुत्ते को एक कमरे में बंद कर दिया. तीन दिन छुट्टी रहने से कोई उस कमरे तक नहीं पहुंचा और कुत्ता मर गया. जब विद्यालय खुला तो दुर्गंध से बच्चों को पढ़ाई में दिक्कत होने लगी लेकिन स्टाफ ने कोई जिम्मेदारी नहीं निभाई.

सफाईकर्मी ने मांगे थे 500 रुपये

जानकारी के मुताबिक एक अभिभावक ने जब सफाईकर्मी को बुलाया तो उसने शव बाहर फेंकने के लिए 500 रुपये मांगे. प्रधानाध्यापिका ने रकम देने से इनकार कर दिया और बच्चों से ही शव हटवाने की कोशिश की. चौथी कक्षा के छात्रों किशन और छोटू ने बताया कि उन्हें 50 रुपये का ऑफर दिया गया था लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया.

शिक्षा विभाग सख्त, जांच के आदेश

वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आ गया है. खंड शिक्षा अधिकारी ने मौके पर टीम भेजकर कमरे की सफाई कराई और शव हटवाया. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि पूरा मामला जांच के दायरे में है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. ग्रामीणों की मांग है कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त सजा दी जाए.

UP NEWS
अगला लेख