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नोएडा में फर्जी पुलिस स्टेशन का कैसे हुआ पर्दाफाश? पुलिस ने 6 नटवरलाल को किया गिरफ्तार, सरकारी अफसर बनकर लोगों से वसूल रहे थे पैसे

गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने सेक्टर-70, नोएडा में छापा मारकर 'इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो' नाम से चल रहे फर्जी दफ्तर का भंडाफोड़ किया. आरोपी सरकारी अफसर बनकर लोगों से पैसे वसूलते थे और मंत्रालयों के फर्जी दस्तावेज़, नकली आईडी व पुलिस जैसे लोगो का इस्तेमाल करते थे. छह लोगों को गिरफ्तार कर फर्जी आईडी, प्रमाणपत्र, चेकबुक, स्टैंप, मोबाइल और ₹42,300 नकद बरामद किए गए. आरोपियों पर BNS, IT एक्ट और प्रतीक एवं नाम अधिनियम के तहत केस दर्ज है. सभी आरोपी पश्चिम बंगाल के निवासी हैं.

नोएडा में फर्जी पुलिस स्टेशन का कैसे हुआ पर्दाफाश? पुलिस ने 6 नटवरलाल को किया गिरफ्तार, सरकारी अफसर बनकर लोगों से वसूल रहे थे पैसे
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( Image Source:  Social Media )

Fake Police station IB office exposed in Noida: गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी 'इंटरनेशनल पुलिस एंड क्राइम इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो' के नाम से नकली दफ्तर चलाकर जनता को गुमराह कर रहे थे, सरकारी अफसर बनकर पैसे वसूल रहे थे और फर्जी दस्तावेज़ों, नकली आईडी और पुलिस जैसे चिन्हों का इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस के मुताबिक, गुप्त सूचना पर रविवार देर रात सेक्टर-70, नोएडा स्थित बीएस-136 पते पर छापेमारी की गई, जहां आरोपियों ने असली सरकारी एजेंसी जैसा ऑफिस तैयार किया था.

पुलिस के मुताबिक, यहां पुलिस जैसी वर्दी के रंग, लोगो और मंत्रालयों के फर्जी प्रमाणपत्र टांगे गए थे. इनमें जनजातीय कार्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के नाम का गलत इस्तेमाल किया गया था. साथ ही इंटरपोल, इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन और यूरेशिया पोल से जुड़े होने का दावा भी किया जा रहा था. वेबसाइट www.intlpcrib.in के जरिए दान राशि ली जा रही थी और ऑनलाइन फर्जी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रमाणपत्र दिखाकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा था.

फर्जी आईडी और चेकबुक समेत कई सामान बरामद

डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया, “यह एक सुनियोजित ठगी का मामला था. आरोपी पुलिस जैसी पहचान और मंत्रालयों के फर्जी दस्तावेज़ों का सहारा लेकर लोगों को धोखा दे रहे थे. छापेमारी में छह लोग पकड़े गए और भारी मात्रा में सबूत मिले, जिनमें फर्जी आईडी, मंत्रालय प्रमाणपत्र, चेकबुक, एटीएम कार्ड, विजिटिंग कार्ड, साइनबोर्ड, मोबाइल फोन और ₹42,300 नकद शामिल हैं.”

10 दिन पहले खोला गया था ऑफिस

जांच में पता चला कि यह ऑफिस हाल ही में किराए पर लिया गया था और महज 10 दिन से सक्रिय था. अब तक कुछ ही लोगों को निशाना बनाया गया था, लेकिन पुलिस संभावित पीड़ितों की पहचान में जुटी है. आरोपी पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं और फिलहाल सेक्टर-70 में रह रहे थे. इनमें मुख्य आरोपी बिभाष चंद्र अधिकारी (बीए पास), उनका बेटा अरघ्य अधिकारी (बीए एलएलबी), बाबुल चंद्र मंडल, पिंटू पाल (27), संपदा माल (29) और आशीष कुमार (57) शामिल हैं.

पुलिस ने विभिन्न आरोपियों के पास से कई मोबाइल फोन, चेकबुक, 16 रबर स्टैंप, फर्जी दस्तावेज़, लेटरहेड, ट्रस्ट डीड और अन्य सामग्री जब्त की. आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं, आईटी एक्ट की धारा 66C और 66D, और प्रतीक एवं नाम (अनुचित उपयोग निवारण) अधिनियम, 1950 के तहत केस दर्ज किया गया है.

सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया

पुलिस का कहना है कि आरोपी न केवल फर्जी पहचान बनाकर जनता को ठग रहे थे, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क जैसा दिखावा कर रहे थे, जिसमें यूके में शाखा होने का झूठा दावा भी शामिल था. सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और जांच जारी है.

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