Begin typing your search...

झांसी स्टेशन पर सेना के मेजर ने पॉकेट चाकू, हेयर क्लिप और धोती से कराई डिलीवरी, बने महिला और नवजात के लिए देवदूत

गर्भवती महिला पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस (15066) से अपने पति और एक छोटे बच्चे के साथ पनवेल से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जा रही थी. यात्रा के दौरान अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और उसके पति ने 'रेल मदद ऐप' के जरिए एसओएस भेजा. झांसी रेलवे कंट्रोल रूम ने तत्काल हरकत में आकर महिला के इलाज की व्यवस्था शुरू की.

झांसी स्टेशन पर सेना के मेजर ने पॉकेट चाकू, हेयर क्लिप और धोती से कराई डिलीवरी, बने महिला और नवजात के लिए देवदूत
X
( Image Source:  X: ANI )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 6 July 2025 9:45 AM IST

वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी रेलवे स्टेशन पर एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने इंसानियत और कर्तव्यनिष्ठा की नई परिभाषा रच दी. जब हर कोई बस गुजर रहा था, एक सेना का जवान मेजर रोहित बचवाला ने बिना किसी देरी के उस पल में वह किया जो एक ट्रेनी डॉक्टर और सच्चे फौजी से ही उम्मीद की जा सकती है.

मेजर रोहित बचवाला, जो झांसी के मिलिट्री अस्पताल में तैनात हैं और इन दिनों एक महीने की छुट्टी पर अपने परिवार से मिलने हैदराबाद जा रहे थे, उस समय रेलवे स्टेशन पर बेंगलुरु जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. तभी उनकी नजर फुटओवर ब्रिज पर एक प्रेग्नेंट महिला पर पड़ी, जो असहनीय लेबर पेन में कराह रही थी. बिना किसी हिचकिचाहट के, रोहित ने जल्द से जल्द हालात को समझते हुए महिला की मदद की. एक पॉकेट चाकू, हेयर क्लिप और धोती उन्हीं की मदद से उन्होंने खुले रेलवे प्लेटफॉर्म पर महिला की डिलीवरी करवाई.

भीड़ में एक देवदूत

सेना में कार्यरत 31 साल मेजर रोहित न केवल एक डॉक्टर हैं, बल्कि एक जिम्मेदार नागरिक और भावनाशील इंसान भी हैं. उन्होंने कहा, 'जैसे ही महिला को लिफ्ट से नीचे लाया गया, वह दर्द से चिल्ला रही थी. एक महिला टीटीई उसे व्हीलचेयर पर ले जा रही थी और स्थिति काफी गंभीर दिख रही थी. मैं उनके पास गया और बिना एक पल गंवाए, वहां जो भी साधन उपलब्ध थे, उनकी मदद से डिलीवरी प्रक्रिया में सहयोग किया.' रेलवे की महिला कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए उस क्षेत्र को चारों तरफ से ढककर गोपनीयता सुनिश्चित की और मेजर को दस्ताने भी उपलब्ध कराए. मेजर ने बताया कि डिलीवरी के बाद मां और बच्चा दोनों स्थिर अवस्था में थे और तुरंत उन्हें एम्बुलेंस से नजदीकी अस्पताल भेजा गया, जहां उनका आगे का इलाज जारी है.

महिला की यात्रा, रेलवे की तत्परता

गर्भवती महिला पनवेल-गोरखपुर एक्सप्रेस (15066) से अपने पति और एक छोटे बच्चे के साथ पनवेल से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जा रही थी. यात्रा के दौरान अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और उसके पति ने 'रेल मदद ऐप' के जरिए एसओएस भेजा. झांसी रेलवे कंट्रोल रूम ने तत्काल हरकत में आकर महिला के इलाज की व्यवस्था शुरू की. जैसे ही ट्रेन झांसी स्टेशन पहुंची, रेलवे की मेडिकल टीम और टीटीई स्टाफ ने महिला को लिफ्ट से निकालकर प्लेटफॉर्म पर लाया. रेलवे की महिला टीटीई और बाकी स्टाफ ने मेजर रोहित की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जिस तरह बिना डरे और बिना देर किए हालात को संभाला, वह किसी देवदूत की तरह था. उनके साहस और सेवा भाव को देखकर पूरा रेलवे स्टेशन स्तब्ध था, लेकिन साथ ही गर्व से भरा हुआ भी.

अगला लेख