Begin typing your search...

ढाई साल में 25 बार मां बनी महिला! जब सच आया सामने तो सरकारी बाबू ने पकड़ लिया माथा

Agra Viral News: यूपी के स्वास्थ्य विभाग ने सीएचसी फतेहाबाद का ऑडिट कराया. अधिकारियों को पता चला कि एक आगरा की एक महिला का स्वास्थ्य केंद्र पर 25 बार डिलीवरी और 5 बार नसबंदी हुई. यह सब योजना लाभ उठाने के लिए किया गया. उसके अकाउंट में जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना के तहत 45 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए.

ढाई साल में 25 बार मां बनी महिला! जब सच आया सामने तो सरकारी बाबू ने पकड़ लिया माथा
X
( Image Source:  AI Perplexity )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 28 Nov 2025 1:58 PM IST

Agra Viral News: उत्तर प्रदेश के आगरा से दिमाग घूमा देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक महिला सिर्फ 30 महीने में 25 बार मां बनीं. इस खबर को सुनकर हर कोई हैरान है और सोच में पड़ गया है कि आखिर यह कैसे संभव है. जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि यह मामला सरकारी योजना का लाभ गलत तरीके से प्राप्त करने का है.

फतेहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) की जांच में इस मामले का खुलासा हुआ. यहां पर करीब ढाई साल के अंदर महिला 25 बार मां बनी और 5 बार नसबंदी भी कराई. इसके बाद उसे जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना की राशि भी ट्रांसफर की गई. बाद में पता चला कि यह सब एक बड़े घोटाले को अंजाम देने के लिए किया गया.

क्या है मामला?

यूपी के स्वास्थ्य विभाग ने सीएचसी फतेहाबाद का ऑडिट कराया. मरीजों की जांच की गई, इस दौरान लगातार चौंकाने वाले खुलासे हुए. अधिकारियों को पता चला कि एक ही महिला की स्वास्थ्य केंद्र पर 25 बार डिलीवरी और 5 बार नसबंदी हुई. उसके अकाउंट में जननी सुरक्षा योजना और महिला नसबंदी प्रोत्साहन योजना के तहत 45 हजार रुपये ट्रांसफर किए गए. सच जानकर सभी अधिकारी दंग रह गए. इसके बाद गड़बड़ी की जानकारी सीएमओ आगरा डॉ. अरुण श्रीवास्तव को दी गई. उन्होंने जांच के आदेश दिए और हर एक दस्तावेज की जांच करने को कहा.

सरकार ने दी जानकारी

इस मामले पर सीएमओ आगरा की ओर से अहम जानकारी दी गई. बताया गया कि फतेहाबाद और शमशाबाद के सीएचसी पर सालों से कुछ स्टाफ की दबदबा देखने को मिला है. इस गड़बड़ी में कथित उनके शामिल होने की आशंका है. बहुत बार तो कर्मचारियों को ट्रांसफर भी किया गया है. हालांकि यह भी तर्क दिया कि योजना की राशि संबंधित लाभार्थियों को सही समय पर देने के लिए कहा जाता है. इसी वजह से गड़बड़ी हुई हो.

इस मामले की जांच के लिए जांच समिति का गठन किया गया है. टीम पता लगाएगी कि इस घोटाले के पीछे कोई तकनीकी खराबी तो नहीं, जिससे गलती से एक ही नाम बार-बार रजिस्टर हो गया हो. अब जांच में दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.

UP NEWS
अगला लेख