टूटता आशियाना और हाथों में किताबें लिए भागती बच्ची...इस अहम फैसले से पहले SC को क्यों आई वायरल वीडियो की याद?
प्रयागराज में 2020 में हुई बुलडोज़र कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने इस कार्रवाई को 'अमानवीय' करार देते हुए उन सभी मकान मालिकों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया, जिन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था. न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने सुनवाई के दौरान एक वायरल वीडियो का ज़िक्र किया.

प्रयागराज में 2020 में हुई बुलडोज़र कार्रवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने इस कार्रवाई को 'अमानवीय' करार देते हुए उन सभी मकान मालिकों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया, जिन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था. न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने सुनवाई के दौरान एक वायरल वीडियो का ज़िक्र किया.
जिसमें एक छोटी बच्ची अपने किताबों को सीने से लगाकर भागती दिख रही है, जबकि पीछे बुलडोज़र झुग्गियों को गिरा रहा था. 'ऐसे दृश्य हर किसी को विचलित कर देते हैं. बच्ची का किताब लेकर भागने का वीडियो चर्चा में खूब आया था जिसमें यूजर्स यह कह रहे थी उस बच्ची को मालूम है कि झोपड़ी से निकलने का एकमात्र रास्ता किताब है.
वायरल वीडियो पर क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि एक वकील, एक प्रोफेसर और अन्य लोगों के घर बिना उचित प्रक्रिया अपनाए गिरा दिए गए. याचिकाकर्ताओं – एडवोकेट ज़ुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद और तीन अन्य ने अदालत को बताया कि बुलडोज़र कार्रवाई से एक रात पहले ही उन्हें नोटिस दिया गया था. याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को बताया कि प्रशासन ने गलती से उनकी जमीन को माफिया अतीक अहमद की संपत्ति समझ लिया था, जिनकी 2023 में हत्या हो गई थी.
जिस वायरल वीडियो का अदालत ने ज़िक्र किया, वह उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर जिले की है. जलालपुर में हुई बुलडोज़र कार्रवाई के दौरान एक बच्ची अपने किताबों को बचाने के लिए दौड़ती दिखी, जबकि उसका घर तोड़ा जा रहा था. इस वीडियो को विपक्षी नेताओं ने जमकर शेयर किया और योगी सरकार पर हमला बोला. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, 'अंबेडकर नगर में एक सरकारी अधिकारी अपनी ताकत दिखाने के लिए लोगों के घरों को गिरा रहा है, जिससे एक बच्ची को अपनी किताबें बचाने के लिए भागना पड़ा. यही बीजेपी वाले 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की बात करते हैं.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने भी इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस ने लिखा, 'एक झुग्गी से, जिसे बुलडोज़र ने मिटा दिया, एक बच्ची अपनी सबसे कीमती चीज़ - किताबों - को बचाने में सफल रही. यह वीडियो उन लोगों के लिए एक शर्म की बात है, जो बच्चों के हाथ से किताबें और सिर से छत छीन रहे हैं. हालांकि, अंबेडकर नगर पुलिस ने इस कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि अतिक्रमण हटाने के लिए पहले ही कई नोटिस दिए गए थे.