नाबालिग से दुष्कर्म कर किया प्रेग्नेंट, फिर बच्चा पैदा होने पर छीन लिया... लेकिन पुलिस ने आरोपी के खिलाफ नहीं दर्ज की FIR
उदयपुर के मांडवा थाना क्षेत्र में नवंबर 2024 में एक चौंकाने वाली घटना में एक नाबालिग किशोरी के साथ आरोपी सरदीराम ने जंगल में लकड़ी लेने के दौरान दुष्कर्म किया, जिससे वह गर्भवती हुई और बच्चे को जन्म दिया. आरोपी ने उसे धमकाकर चुप कराया, और गुजरात के एक हॉस्पिटल में जन्म के बाद उसका नवजात बच्चा जबरन छीन लिया गया. परिवार की शुरुआती शिकायत के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की, जिसके बाद एसपी से गुहार लगाने पर FIR दर्ज हुई और IG ने लापरवाही के लिए थानाधिकारी को निलंबित कर दिया.

Udaipur Crime News: उदयपुर जिले के मांडवा थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया. इस मामले में न केवल पीड़िता को शारीरिक और मानसिक यातना झेलनी पड़ी, बल्कि पुलिस की शुरुआती लापरवाही ने भी सवाल खड़े कर दिए. घटना पिछले साल नवंबर की है, लेकिन अब जाकर यह मामला प्रकाश में आया है.
NDTC की रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता लकड़ी लेने के लिए जंगल की ओर गई थी. इसी दौरान आरोपी सरदीराम ने चाकू की नोक पर उसे धमकाया और दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. डर के मारे पीड़िता ने इस घटना को किसी से साझा नहीं किया. इसके बाद आरोपी ने उसे बार-बार धमकाया, जिससे वह चुपचाप रही.
पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से किया इनकार
कुछ समय बाद पीड़िता की तबीयत खराब होने लगी. परेशान होकर परिजन उसे हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने बताया कि वह गर्भवती है. यह सुनकर परिवार सकते में आ गया. जब वे इस मामले को लेकर थाने पहुंचे, तो पुलिस ने पंचायत के जरिए मामले को सुलझाने की सलाह दी और एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया.
गुजरात में हुआ बच्चे का जन्म
परिवार ने मजबूरी में पीड़िता को गुजरात ले जाकर एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया. गांव लौटने के बाद आरोपी और उसके परिजन पीड़िता के घर पहुंचे. उन्होंने धमकी देकर नवजात बच्चे को पीड़िता से छीन लिया और ले गए. इस घटना से तंग आकर पीड़ित परिवार ने आखिरकार उदयपुर के एसपी ऑफिस में शिकायत दर्ज की.
पुलिस की लापरवाही और कार्रवाई
मामले को दबाए जाने और एफआईआर न दर्ज करने पर पीड़ित परिवार ने एसपी से न्याय की गुहार लगाई. दबाव बढ़ने के बाद पुलिस ने आखिरकार एफआईआर दर्ज की. एसपी योगेश गोयल ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आरोपी को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू हो गई है. वहीं, पुलिस की शुरुआती लापरवाही सामने आने पर आईजी गौरव श्रीवास्तव ने मांडवा थाने के थानाधिकारी देवीलाल मीणा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया.
जांच शुरू, न्याय की उम्मीद
अब पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है. पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिलाने की कवायद तेज हो गई है. इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि महिलाओं और नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ा दी है. मामले की आगे की कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं.