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सब-इंस्पेक्टर की वर्दी, फर्जी नाम और VIP रील्स, राजस्थान की मोना बुगालिया किस तरीके से दो साल तक पुलिस को लगाती रही चूना?

राजस्थान पुलिस अकादमी में एक महिला पिछले दो साल से ट्रेनिंग ले रही थी. हैरानी कि बात यह है कि उसने सब-इंस्पेक्टर का कोई एग्जाम क्लियर नहीं किया था. इसके बावजूद वह अकेडमी में एंट्री लेने में सफल रही. इस दौरान उसने VIP लोगों के साथ रील्स तक बनाई.

सब-इंस्पेक्टर की वर्दी, फर्जी नाम और VIP रील्स, राजस्थान की मोना बुगालिया किस तरीके से दो साल तक पुलिस को लगाती रही चूना?
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( Image Source:  x-VijayKumbhar62 )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 5 July 2025 6:35 PM IST

राजस्थान पुलिस अकादमी में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला बिना किसी एग्जाम पास किए करीब दो सालों तक खुद को पुलिस सब-इंस्पेक्टर बताकर न केवल अकादमी में रही, बल्कि ट्रेनिंग सेशन में हिस्सा लिया. वर्दी भी पहनी और सीनियर अफसरों के साथ तस्वीरें तक खिंचवाईं.

हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे समय तक किसी को उस पर शक नहीं हुआ. उसने खुद को मूली देवी नाम देकर जाली दस्तावेज बनाए और सोशल मीडिया पर यह फैलाया कि वह एसआई के तौर पर चुनी गई है.

व्हाट्सएप ग्रुप में एंट्री और सिस्टम में सेंध

मोना ने एसआई भर्ती के एक खास व्हाट्सएप ग्रुप में खुद को शामिल किया और खुद को खेल कोटे की कैंडिडेट बताकर राजस्थान पुलिस अकादमी (RPA) में घुस गई. वह दो साल तक वहां रही, जैसे एक असली सब-इंस्पेक्टर हो. दो साल तक मोना परेड ग्राउंड में नियमित रूप से वर्दी पहनकर शामिल होती रही. इतना ही नहीं, आउटडोर ट्रेनिंग में भाग लेती रही. साथ ही, आईपीएस और एडीजी जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ फोटो और रील्स बनाती रही. एक बार तो पब्लिक मंच से करियर गाइडेंस स्पीच भी दी.

पर क्या RPA को कुछ पता नहीं चला? पुलिस अकादमी जैसी हाई-सिक्योरिटी जगह में कोई बाहरी व्यक्ति बिना परीक्षा पास किए, दो साल तक ट्रेनिंग कैसे लेता रहा. ये सोचने वाली बात है.

नकदी, वर्दी और झूठ का भंडाफोड़

सीकर जिले से 2023 से फरार मोना को हाल ही में गिरफ्तार किया गया. उसके किराए के कमरे से 7 लाख नकद, 3 पुलिस वर्दियां, परीक्षा के दस्तावेज, जाली पहचान पत्र जैसी चीजें बरामद की गई.

आखिर कैसे टूटी परत?

कुछ ट्रेनी सब-इंस्पेक्टर्स को मोना की पहचान पर संदेह हुआ, उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी. इसके बाद जांच शुरू हुई और फिर पूछताछ में कहा कि उसका मकसद परिवार को प्रभावित करना और सिस्टम से फायदा उठाना था.

इस घटना ने पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान लगा दिया है. जहां कोई बिना परीक्षा पास किए, बिना दस्तावेज सत्यापन के, वर्दी पहन कर सिस्टम को दो साल तक ठगता रहा. यह सिर्फ एक धोखा नहीं था. यह व्यवस्था पर करारा तमाचा था.

RAJASTHAN NEWS
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