जब बीच जंगल पर्यटकों को छोड़ भाग गया गाइड, करीब 1 घंटे तक 60 बाघों के बीच फंसे रहे लोग, रणथंभौर नेशनल पार्क में बड़ी लापरवाही
Ranthambore National Park: रणथंभौर नेशनल पार्क में गाइड की बड़ी लापरवाही देखने को मिली. गाइड पर्यटकों को छोड़कर भाग गया था, वहां 60 से ज्यादा बाघों के साथ तेंदुए, भालू व मगरमच्छ भी रहते हैं.

Ranthambore National Park: राजस्थान में आए दिन बाघ सड़कों पर घूमते दिख नजर आते हैं. स्थानीय लोगों को पर बार हमले भी कर देते हैं. प्रदेश में स्थिति रणथंभौर नेशनल पार्क में रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक जंगल सफारी के लिए आते हैं. अब एक व्यक्ति ने खतरनाक एक्सपीरियंस शेयर किया है.
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार (17 अगस्त) को पार्क के जोन 6 में एक बेहद चिंताजनक और लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां शाम करीब 6 बजे एक कैंटर जिसमें महिलाएं, बच्चे और अन्य पर्यटक सवार थे. गाड़ी खराब होने की वजह से वह जंगल में फंस गए.
बाघों के इलाकों में फंसे पर्यटक
कैंटर टूटने की वजह से पर्यटक जंगल में फंस गए. इसके बाद कैंटर का गाइड यह कहकर वहां से चला गया कि वह दूसरा वाहन लेकर आता है, लेकिन वह लौटकर वापस नहीं आया. पर्यटक करीब डेढ़ घंटे 6 से 7 बजे तक पर्यटक उस जंगल में फंसे रहे. रोते-बिलखते और उनका वीडियो भी सामने आया है.
जिस जगह वह गाइड उन्हें छोड़कर भाग गया था, वहां 60 से ज्यादा बाघों के साथ तेंदुए, भालू व मगरमच्छ भी रहते हैं. घना अंधेरा होने के कारण उन्होंने मोबाइल रोशनी की मदद से अपने डर को काबू में रखा. बाद में पार्क प्रशासन ने तीन कैंटर वाहनों, उनके ड्राइवरों और उस गाइड के खिलाफ एक्शन लिया.
रणथंभौर नेशनल पार्क क्यों है खास?
रणथंभौर नेशनल पार्क अपनी विशिष्ट पहचान के लिए जाना जाता है. यह एक ऐसी जगह है. यह भारत के उन चुनिंदा स्थानों में से एक है जहां दिन के समय बाघों को सीधे देखा जा सकता है, जो संरक्षण के सफल प्रयासों का प्रतीक है. यह यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है. यह पार्क Project Tiger अभियान के तहत संरक्षण का एक प्रेरणादायक मॉडल है. यहां बाघों की संख्या में वृद्धि और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है.
एक पर्यटक पर हुआ था हमला
करीब दो महीने पहले रणथंभौर में बाघ ने ग्रामीण राधेश्याम माली पर हमला किया था, जिससे उनकी मौत हो गई. यह दर्दनाक घटना तीन महीने के अंदर तीसरी ऐसी घटना थी जिसमें बाघ के हमले से जानें गईं. इस हमले ने स्थानीय लोगों में गहरा गुस्सा देखने को मिला. सभी ने वन विभाग प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. ग्रामीणों ने बाघ को आदमखोर घोषित कर उसे हटाने की मांग की.