राजस्थान में घर-घर पहुंचेगा पानी! 'राम जल लिंक' प्रोजेक्ट से मिलेगी राहत
Rajasthan Government: राजस्थान में पानी की समस्या को दूर करने के लिए 'राम जल लिंक' प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. इसके तहत बैराज, कृत्रिम जलाशय और बांधों की एक श्रृंखला बनाने के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया है. राजस्थान सरकार ने परियोजना की मदद से ग्रामीणों एवं शहरी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराने, किसानों और पशुपालकों को पशुपालन एवं कृषि के लिए पानी प्रदान कराने का लक्ष्य रखा गया है.

Rajasthan Government: राजस्थान में पानी की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार नई योजना की शुरुआत कर रहे हैं. प्रदेश में कई बड़े प्रोजेक्ट की मदद से इस दिशा में काम किया जा रहा है. जिसमें एक नाम 'राम जल लिंक' परियोजना का भी शामिल हैं.
जानकारी के अनुसार, राजस्थान के करीब 17 जिले ऐसे हैं जहां पर्याप्त मात्रा में नहीं आता. 'राम जल लिंक' प्रोजेक्ट से इन जिलों के निवासियों को लाभ मिलने वाला है. इन जिलों में 3.5 करोड़ लोगों के घरों तक इस मुहिम के तहत पानी पहुंचाया जाएगा. लाखों परिवारों को पानी की समस्या से राहत मिलेगी.
क्या है 'राम जल लिंक' प्रोजेक्ट?
सीएम भजनलाल शर्मा ने पानी की पर्याप्त आपूर्ति और संरक्षण के लिए राम जल सेतु परियोजना की शुरुआत की. इसके तहत बैराज, कृत्रिम जलाशय और बांधों की एक श्रृंखला बनाने के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया है. इसके तहत अजमेर और अलवर में दो कृत्रिम जलाशय बनाए जाएंगे. इसके लिए अतिरिक्त ईसरदा और डूंगरी में बांध बनाने और बीसलपुर बांध की जल संग्रहण क्षमता में 0.50 मीटर की वृद्धि करने का प्रस्ताव है.
योजना का उद्देश्य
राजस्थान सरकार राम जल सेतु परियोजना की मदद से ग्रामीणों एवं शहरी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध कराने, किसानों और पशुपालकों को पशुपालन एवं कृषि के लिए पानी प्रदान कराने का लक्ष्य रखा गया है. राजस्थान एक रेगिस्तानी इलाका है इसलिए वहां पर पानी की समस्या बनी रहती है. इस प्रोजेक्ट की मदद से पानी की समस्या से राहत मिलेगी.
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क्या बोले सीएम भजनलाल?
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने जानबूझकर इस प्रोजेक्ट को लटकाया और इसे चुनावी मुद्दा बना दिया. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार बनते ही हमने इसे शुरू करने का एलान किया और इसी दिशा में तैयारी की जा रही है. इससे बड़ी संख्या में लोगों को पानी की समस्या से राहत मिलेगी और उन्हें गर्मियों में पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा.
राजस्थान को 4102.60 और मध्यप्रदेश को 3120.09 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी मिलना है. इसमें 1744 एमसीएम पेयजल, 205.75 एमसीएम उद्योग, 1159.38 जल नए सिंचित क्षेत्र शामिल हैं. बैराज- कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, पार्बती नदी पर महलपुर बैराज, कालीसिंध नदी पर नवनेरा बैराज, मेज नदी पर मेज बैराज, बनास नदी पर नीमोद राठौड़ बैराज बनेगा. वहीं कृत्रिम जलाशय में अजमेर और अलवर में बनेंगे. इसके अलावा बांध में ईसरदा और डूंगरी.