बारिश बनी कहर! राजस्थान में दो की मौत, सैकड़ों का रेस्क्यू- सेना-एनडीआरएफ की टीम ने संभाला मोर्चा
राजस्थान में बारिश लोगों के लिए कहर बन गई है, क्योंकि इसके कारण कई जगहों में पानी भर गया है. सवाई माधोपुर, कोटा और टोंक जैसे जिले जलभराव और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. इतना ही नहीं, इसके कारण 2 लोगों की मौत हो गई है.

राजस्थान, जिसे आमतौर पर सूखे और गर्म जलवायु के लिए जाना जाता है, इस बार मूसलधार बारिश की चपेट में है. पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश ने राज्य के कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. जहां एक ओर बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
वहीं दूसरी ओर प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में पूरी ताकत झोंक रहा है. अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है. और सेना और एनडीआरएफ की टीम हजारों लोगों को बचाने का काम कर रही है.
पूर्वी राजस्थान में बाढ़ जैसे हालात
राज्य के पूर्वी हिस्सों में बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. बूंदी जिले के नैनवा में पिछले 24 घंटों में 502 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो अब तक की सबसे अधिक है. सवाई माधोपुर, कोटा और टोंक जैसे जिले जलभराव और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट चुका है, जिससे राहत पहुंचाने में भी कठिनाइयां आ रही हैं.
दो महिलाओं की मौत से मातम का माहौल
बूंदी जिले में बारिश से जुड़ी दो दर्दनाक घटनाओं में दो महिलाओं की जान चली गई. 50 वर्षीय कैलशीबाई तेज बहाव में बह गईं, जबकि 65 वर्षीय मंभरबाई एक टिन शेड की दीवार गिरने से दबकर मारी गईं. पुलिस ने दोनों मामलों में पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए हैं.
सेना और राहत एजेंसियों की तैनाती
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना को भी राहत कार्यों के लिए बुलाया गया. नैनवा और केशोरायपाटन क्षेत्र में शुक्रवार रात और शनिवार दोपहर को सेना ने करीब 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. NDRF और SDRF की टीमों ने भी जलभराव वाले क्षेत्रों में लोगों को बचाया और राहत कैंपों में भेजा गया. वायुसेना ने कोटा और बूंदी में फंसे लोगों की मदद के लिए Mi-17 हेलिकॉप्टर तैनात किया है और जरूरत पड़ने पर और उड़ानें भरने को तैयार है.
नेताओं की निगरानी और जमीनी निरीक्षण
आपदा के हालातों का जायजा लेने के लिए आपदा राहत मंत्री किरोड़ी मीणा और गृह मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. दोनों मंत्री सवाई माधोपुर में स्थानीय लोगों से मिले और अधिकारियों को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए. लोकसभा अध्यक्ष और कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला ने भी बूंदी जिले के केशोरायपाटन और कापरेन क्षेत्रों का दौरा किया और पुनर्वास के निर्देश दिए.
भविष्य की चेतावनी: और बारिश बाकी है
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में रविवार को भारी से अति भारी बारिश की संभावना है. वहीं सोमवार और मंगलवार को दक्षिण-पश्चिमी जिलों में भारी वर्षा की आशंका है. यह सिस्टम दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान में बना हुआ है, जिससे मानसून ट्रफ इन क्षेत्रों से होकर गुजर रही है.
लोगों की सतर्कता और प्रशासन की चुनौती
सरकार और एजेंसियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की सतर्कता भी इस संकट से निपटने में अहम भूमिका निभा रही है. गांवों में लोग खुद भी एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं. हालांकि, लगातार बारिश और जलभराव ने बिजली, परिवहन और संचार जैसे मूलभूत सेवाओं को बाधित किया है, जिससे प्रशासन के लिए राहत पहुंचाना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है.