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राजस्थान में धर्म परिवर्तन अब आसान नहीं! विधानसभा में पेश हुआ धर्मांतरण विरोधी विधेयक

Anti-Conversion Bill: सोमवार को राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक को पेश किया गया. इसके तहत जबरन धार्मांतरण पर 3 से 10 साल की सजा होगी. मर्जी से धर्म परिवर्तन के लिए 60 दिन पहले कलेक्टर को इसकी जानकारी देनी होगी. कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, यह किसी विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन और उनसे संबंधित है.

राजस्थान में धर्म परिवर्तन अब आसान नहीं! विधानसभा में पेश हुआ धर्मांतरण विरोधी विधेयक
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( Image Source:  META AI )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 27 Nov 2025 12:13 PM IST

Religious Conversion: देश में अक्सर धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते हैं. कोई हिंदू से मुस्लिम तो कोई मुस्लिम से हिंदू या अन्य धर्म अपना लेता है. अब राजस्थान में धर्मांतरण अब मुश्किल होने वाला है. सोमवार को विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक को पेश किया गया.

जानकारी के अनुसार, राजस्थान सरकार ने नए विधेयक में जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए पहले से ज्यादा कठोर सजा का प्रावधान किया गया है. स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने धर्मांतरण विरोधी बिल 'राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025' पेश किया.

सरकार का उद्देश्य

इस बिल के बारे में राजस्थान के संसदीय कार्य और कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि धर्मांतरण बिल कड़ी आवश्यकता है. हमारे राजस्थान के यह विधेयक जरूरी था. यह किसी विवाह द्वारा एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन और उनसे संबंधित है. कई ऐसे मामले सामने आए थे कि अनेक ऐसी संस्थाएं या व्यक्ति समूह बनाकर गलत प्रचार कर आर्थिक रूप से प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करते थे. अनेक हिस्सों में ये होता है. चाहे वह हमारे आदिवासी भाई बहनों का क्षेत्र हो या अन्य क्षेत्र हो. इन सब पर लगाम लगाने के लिए यह बिल लाया गया है.

उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी बहन बेटी के साथ अन्याय नहीं हो. किसी व्यक्ति और भाई के साथ अन्याय नहीं हो, उसकी मर्जी के बिना कुछ भी नहीं हो, इसीलिए विधेयक लाया गया है. अब इस बिल पर सदन में चर्चा होगी. अगर यह पास हो जाता है तो 16 साल बाद बनेगा नया धर्मांतरण कानून.

विपक्ष ने उठाए सवाल

नए धर्मांतरण बिल पर विपक्ष ने आपत्ति जताई है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि बिल सदन में पेश किया गया है कि लेकिन सरकार के कदम की मंशा स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा, स्टडी की जाएगी कि क्या प्रावधान किए गए हैं, और क्यों जरूरी है. अगर सरकार को लगता है कि कोई संस्था या ग्रुप या व्यक्ति जबरन धर्म परिवर्तन करवा रहा है तो उसे कार्रवाई करनी चाहिए.

नए बिल में सजा के प्रावधान

धर्मांतरण बिल में सजा का प्रावधान भी है. जबरन धार्मांतरण पर 3 से 10 साल की सजा होगी. मर्जी से धर्म परिवर्तन के लिए 60 दिन पहले कलेक्टर को इसकी जानकारी देनी होगी. बता दें कि झारखंड कर्नाटक गुजरात में पहले से ये कानून लागू है. लव जिहाद करने वाले व्यक्ति की शादी को फैमिली कोर्ट रद्द कर सकती है. गैर जमानती अपराध माना जाएगा. बता दें कि भजनलाल कैबिनेट की बैठक में पहले ही इस बिल को मंजूरी मिल गई है.

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