बैकलॉग का एग्जाम देते समय चीटिंग कर रहा था कंप्यूटर साइंस का स्टूडेंट, पकड़े जाने के बाद 12वीं मंजिल से कूदकर दी जान
जयपुर में एक स्टूडेंट ने 12वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी, क्योंकि वह कथित तौर पर बैकलॉग के एग्जाम में नकल करते पकड़ा गया था. छात्र जयपुर के मणिपाल यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस के फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है, जो बिहार का रहने वाला है.
जयपुर से एक दिल दहलाने वाली खबर सामने आई है, जहां 19 साल के कंप्यूटर साइंस छात्र ने अपने जीवन का सबसे दर्दनाक कदम उठाया. दरअसल एग्जाम देते वक्त छात्र को टीचर ने चीटिंग करते पकड़ लिया था. इसके बाद उसने आत्महत्या करने का फैसला किया.
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स्टूडेंट ने 12वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. पुलिस ने मौके से छात्र का बैग और मोबाइल फोन बरामद किया, लेकिन कोई सुसाइड नोट नहीं मिला. घटना ने न केवल कॉलेज के परिसर में शोक फैलाया बल्कि छात्र जीवन में मानसिक दबाव और अकादमिक तनाव पर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं.
बैकलॉग का दे रहा था एग्जाम
घटना 26 दिसंबर की शाम की है. जहां मणिपाल यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहा स्टूडेंट पहले सेमेस्टर के सब्जेक्ट में फेल हो गया था, जहां वह पास होने के लिए बैकलॉग का एग्जाम दे रहा है. इस दौरान वह चिट्स से चीटिंग करता पकड़ा गया. हालांकि, इनविजिलेटर ने उसकी आन्श्वर बुक और चिट्स जब्त कर दी और उसे दोबारा नया पेपर दिया.
स्कूटर रेंट कर कंस्ट्रक्शन साइट पर पहुंचा
पुलिस के मुताबिक, इस पूरी घटना के बाद छात्र करीब 6:15 बजे कॉलेज से चला गया था. उसने पहले एक स्टूकर रेंट पर लिया और फिर उससे लगभग पांच किलोमीटर दूर गया, जहां एक इमारत बनने का काम चल रहा था. वहां वहां उसने अपना बैग और मोबाइल फोन एक दीवार पर रख दिए और फिर आत्महत्या कर ली.
12वीं मंजिल से लगाई छलांग
छात्र ने 12वीं मंजिल से कूदकर अपनी जान दे दी. जैसे ही लोगों ने लड़के की लाश, देखी तुरंत पुलिस को खबर दी. इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच छात्र को कम्युनिटी हेल्थ सेंटर ले गई, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने बताया बिल्डिंग की 12वीं से बच्चे का बैग और मोबाइल मिला है, हालांकि, कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ.
पहचान और आगे की जांच
दरअसल पुलिस ने छात्र की पहचान कर ली है. वह पटना का रहने वाला है. उसके बैग में कई डॉक्यूमेंट मिले हैं. इस मामले में पुलिस का कहना है कि जांच अभी भी जारी है और हर पहलू की समीक्षा की जा रही है. इस घटना ने छात्र जीवन में मानसिक दबाव और पढ़ाई के तनाव पर सवाल उठाए हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि परीक्षा का तनाव, भविष्य की चिंता और समाजिक आरोप कभी-कभी युवाओं पर इतना भारी पड़ सकते हैं कि वे ज्यादा मानसिक दबाव महसूस करने लगते हैं.





