सचिन पायलट और अशोक गहलोत में सब ठीक नहीं? CM पद को लेकर अभी से कांग्रेस में खींचतान
राजस्थान विधानसभा चुनाव को अभी चार सालों का समय बाकी है. हर पांच साल बाद राज्य में सत्ता बदलने का रिवाज है. हालांकि चुनाव को अभी काफी समय है. लेकिन कांग्रेस में एक बार फिर से CM कुर्सी को लेकर उठापटक शुरू हो चुकी है. अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के दावे किए जा रहे हैं.

राजस्थान विधानसभा चुनाव में हर पांच साल में सरकार बदलने का रिवाज है. ऐसा ही कुछ नजारा साल 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भी देखने मिला था. बीजेपी ने सीएम की कुर्सी हासिल कर भजनलाल शर्मा के हाथों राजस्थान की कमान सौंपी थी. हालांकि अभी चुनाव होने में काफी समय है. लेकिन इस बीच कांग्रेस की ओर से जीत के दाव लगना शुरू हो चुके हैं.
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पूर्व मंत्री गोविंद मेघवाल यह कहते नजर आ रहे हैं, कि अशोक गहलोत एक बार फिर से राज्य के सीएम बनेंगे. कुछ ही मिनटों के इस वीडियो में मंत्री ने दावा किया CM बनने की इस रेस में अशोक गहलोत का नाम पहले नंबर पर है.
हर जगह अशोक गहलोत की चर्चा
मेघवाल ने कहा कि कहा कि अशोक गहलोत के विकास कार्यों की हर जगह चर्चा हो रही है. उनका कहना है कि इसमें कोई शक नहीं कि अगर हाईकमान चाहे तो गहलोत एक बार फिर से CM की कुर्सी संभालेंगे. वहीं चुनाव से पहले कांग्रेस में अशोक गहलोत की जीत के दावे लगते नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी गहलोत के पूर्व OSD की भी प्रतिक्रिया सामने आई है.
पूर्व OSD लोकेश शर्मा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैंने पहले भी कहा था कि एक पार्टी चुनाव लड़ती है, जीतने और सरकार बनाने के लिए. लेकिन हमारी पार्टी ऐसा नहीं करती उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी में अलग-अलग नेता CM बनने तक ही रेस में सीमित रह जाते हैं.बस यही व्यक्तिगत स्वार्थ पार्टी हित पर हमेशा हावी रहता है जिसका ख़ामियाजा पूरी पार्टी उठाती है. अभी तो हार को एक वर्ष नहीं हुआ, 4 साल मज़बूती और एकजुटता से पार्टी के लिए मेहनत करने का समय है. लेकिन वही ढर्रा, वही राग. अपने-अपने नामों से अनुराग..!!
क्या फिर शुरू अंद्रूनी लड़ाई?
दरअसल राजस्थान में कांग्रेस के बीच CM पद को लेकर खींचतान जारी रहती है. हालांकि पार्टी का मुकाबला खुद के ही नेताओं से होता दिखता है. सभी जानते है, कि कांग्रेस में अकसर कुर्सी को लेकर सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच खींचतान रहती है. पार्टी को इसका नुकसान भी उठाना पड़ता है. साथ ही BJP इस मुद्दे निशाने पर रखकर कांग्रेस को घेरती है. चुनाव के समय से पहले सीएम पद की लड़ाई इस ओर इशारा कर रही है कि पार्टी में सब ठीक नहीं.