अश्लील साइट चलाने वाले साइबर क्राइम गिरोह का हुआ भंडाफोड़, 18 साल का लड़का निकला मुख्य आरोपी
राजस्थान पुलिस ने फर्जी ‘प्रीमियम’ अश्लील साइट चलाने वाले साइबर क्राइम गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरोह का मास्टरमाइंड 18 साल का नयन पाटीदार था, जो एक स्थानीय किसान का बेटा था. रिपोर्ट के अनुसार, गिरोह ने एक वेबसाइट संचालित की थी, जिसके ज़रिए आदिवासी लोगों को प्रीमियम पोर्नोग्राफ़िक के लिए ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए लुभाया जाता था.

राजस्थान पुलिस ने फर्जी ‘प्रीमियम’ अश्लील साइट चलाने वाले साइबर क्राइम गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरोह का मास्टरमाइंड 18 साल का नयन पाटीदार था, जो एक स्थानीय किसान का बेटा था. रिपोर्ट के अनुसार, गिरोह ने एक वेबसाइट संचालित की थी, जिसके ज़रिए आदिवासी लोगों को प्रीमियम पोर्नोग्राफ़िक के लिए ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए लुभाया जाता था.
बता दें, पुलिस ने आरोपी के पास से एक ट्रैक्टर और 19.6 लाख रुपए नकद जब्त किए हैं. पाटीदार ने कथित तौर पर ऑनलाइन ठगी से कमाए पैसों से अपने पिता को यह ट्रैक्टर उपहार में दिया था. सभी आरोपी 18 से 22 साल के हैं और राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के अलग-अलग गांवों के रहने वाले हैं. गिरोह के काम करने के तरीके के अनुसार, आरोपियों ने एक पेशेवर दिखने वाली पोर्न साइट बनाई थी, जो बेखबर खरीददार को अश्लील चीजें दिखाने का वादा करती थी. इस साइट का विज्ञापन सर्च इंजन पर भी दिया गया था और यूजर्स को इस एक्सेस के लिए मामूली ऑनलाइन फीस का पे करने के लिए कहा गया था.
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पुलिस अधीक्षक ने किया खुलासा
बांसवाड़ा के पुलिस अधीक्षक हर्ष वी अग्रवाल ने बताया कि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने के लिए 'साइबर शील्ड' अभियान शुरू किया है. नकदी और ट्रैक्टर के अलावा आरोपियों के पास से 10 मोबाइल फोन, 14 सिम कार्ड, एक चेकबुक और 5 एटीएम कार्ड जब्त किए गए है. नयन को 10 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था, जब पुलिस को साइट के बारे में कुछ शिकायतें मिली थीं. पूछताछ के दौरान उसने गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम बताए, जिन्हें भी तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया.
रिटायर्ड आर्मी अफसर से 4 लाख की ठगी
पंचकूला में एक 68 साल के सेवानिवृत्त कर्नल से एक अज्ञात व्यक्ति ने बीमा लोकपाल कार्यालय से होने का दावा करते हुए 4 लाख रुपये की ठगी कर ली थी. अमरावती एन्क्लेव के कर्नल नाथू राम दहिया के अनुसार, उन्हें 8 जनवरी को आरोपी का फोन आया, जिसने अपना नाम यशपाल माथुर बताया. दहिया को यह आश्वासन देकर उनका विश्वास जीतने के बाद कि वह उनकी दो बीमा पॉलिसियों को समाप्त करने की पहले से मौजूद शिकायतों को हल कर सकता है. कॉल करने वाले ने उन्हें बताया कि रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) का उपयोग करके, वह उनकी दोनों पॉलिसियों को समाप्त करवा सकता है.
मोबाइल बंद होने पर हुआ धोखे का अहसास
शिकायतकर्ता ने बताया कि फोन करने वाले ने पॉलिसी के तहत जमा की गई पूरी रकम और ब्याज को ट्रांसफर करने में मदद करने का वादा भी किया. दहिया ने बताया कि इसके लिए उसने प्रति पॉलिसी 2 लाख रुपये बैंक खाते में ट्रांसफर करने की मांग की. उन्हें बताया गया था कि शाम तक पैसे मिल जाएंगे. बातचीत के तुरंत बाद ही फोन करने वाले ने अपना मोबाइल बंद कर लिया. जब दहिया को अहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है तो उन्होंने पुलिस से संपर्क किया और मामला दर्ज कराया गया.