VIDEO: बाढ़ की वजह से एंबुलेंस ने दिया जवाब तो JCB से गर्भवती महिला पहुंची अस्पताल
राजस्थान के बूंदी जिले के दुगारी गांव में भारी बारिश के चलते पुलिया पर तेज बहाव था, जिससे एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी. ऐसे में एक गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए जेसीबी मशीन से करीब 1 किलोमीटर तक सुरक्षित बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया.

राजस्थान के बूंदी जिले में मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं. सड़कें दरिया बन गई हैं और नाले उफान पर हैं. ऐसे में नैनवां उपखंड के दुगारी गांव में एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए प्रशासन को देसी जुगाड़ का सहारा लेना पड़ा. गर्भवती अनीता कहार को एंबुलेंस न मिल पाने के कारण JCB के डाले में बैठाकर करीब 1 किलोमीटर तक अस्पताल ले जाया गया.
संकट के इस समय में JCB एंबुलेंस बनी और स्वास्थ्यकर्मियों की टीम ने जान जोखिम में डालकर महिला को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में महिला ने सुरक्षित बच्चे को जन्म दिया और दोनों की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है. इस घटना ने बारिश में सरकारी व्यवस्था की पोल खोल दी है, जहां जनता को जान जोखिम में डालकर अपनी ज़िंदगी बचानी पड़ रही है.
कनक सागर तालाब ओवरफ्लो, सड़कों पर बहा पानी
बूंदी जिले में जारी भारी बारिश के चलते कनक सागर तालाब का जलस्तर इतना बढ़ गया कि वह ओवरफ्लो हो गया. इसकी वजह से आसपास के इलाकों में पानी भर गया और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. दुगारी क्षेत्र में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं, जहां कई मार्ग बंद हो गए हैं और एंबुलेंस जैसे जरूरी वाहन भी नहीं पहुंच पा रहे.
एंबुलेंस नहीं पहुंची, JCB बनी लाइफलाइन
तेजाजी का चौक निवासी अनीता कहार को जब प्रसव पीड़ा हुई तो परिवार ने तुरंत एंबुलेंस को फोन किया. लेकिन, रास्तों पर भरे पानी के चलते एंबुलेंस चालक ने गांव तक आने से इनकार कर दिया. हालात को देखते हुए नैनवा अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी एक JCB लेकर तेजाजी का चौक पहुंचे.
1 किलोमीटर तक JCB में बैठाकर पहुंचाया
स्वास्थ्यकर्मियों ने JCB के डाले में अनीता और उसके परिजनों को सुरक्षित बैठाया और करीब 1 किलोमीटर तक पानी से भरे रास्तों को पार कर अस्पताल तक पहुंचे. इस दौरान महिला को मेडिकल सपोर्ट भी दिया गया। वहां पहुंचने के बाद डॉक्टर्स ने तुरंत डिलीवरी करवाई और अनीता ने स्वस्थ नवजात को जन्म दिया. स्थानीय लोगों ने इस घटना को मानवता का उदाहरण बताया और कहा कि 'अगर स्वास्थ्यकर्मी समय पर न पहुंचते तो कोई भी अनहोनी हो सकती थी. यह सरकारी सिस्टम की असफलता है. वहीं स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया, "हमें जानकारी मिलते ही हम JCB लेकर निकले, क्योंकि महिला और बच्चे की ज़िंदगी सबसे जरूरी थी.
प्रशासन को लेना होगा सबक
इस घटना ने साफ कर दिया है कि आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की सख्त ज़रूरत है. बारिश जैसे मौसम में यदि एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकती, तो फिर ग्रामीणों के जीवन की सुरक्षा का जिम्मा कौन उठाएगा? ऐसी घटनाएं सरकार और प्रशासन को एक चेतावनी देती हैं कि जमीनी स्तर पर इंतजाम मजबूत किए जाएं.