Begin typing your search...

उम्र भर की उड़ान छोड़ गई 21 साल की पायलट, मौत के बाद अंगदान से कईयों को दिया जीवनदान

मंगलवार को सड़क दुर्घटना में चेस्टा बिश्नोई की मौत हो गई. जहां उनके परिवार वालों ने लोगों को नई जिंदगी देने के लिए अंगदान करने का फैसला लिया. गंभीर बीमारी से जूझ रहे लोगों को दिल, किडनी और गुर्दे दान दिए जाएंगे.

उम्र भर की उड़ान छोड़ गई 21 साल की पायलट, मौत के बाद अंगदान से कईयों को दिया जीवनदान
X
( Image Source:  Instagram/ barkat_ali_48 )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 19 Dec 2024 4:43 PM IST

राजस्थान के जैसलमेर जिले की ट्रेनी पायलट चेस्टा बिश्नोई की मौत के बाद भी कई लोगों को नई जिंदगी दी. चेस्टा के परिवार वालों ने ऑर्गन डोनेट करने का फैसला लिया. चेष्टा पोखरण के खेतोलाई की रहने वाली थी और वह कमर्शियल पायलट बनना चाहती थी.

चेष्टा सड़क हादसे का शिकार हुई, जिसके कारण उनके सिर में गंभीर चोटें आईं. इसके चलते चेष्टा की मौत हो गई. इस दुख के पल में मृतक के परिवार ने अंगदान करने का फैसला लिया. इसके कारण गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोग जिंदगी की नई शुरुआत कर पाएंगे. जहां एक तरफ चेष्टा की मौत के चलते लोग शोक में हैं. वहीं, दूसरी ओर आम जनता चेष्टा के परिवार के इस फैसले की तारीफ कर रहे हैं.

ये अंग किए जाएंगे दान

चेष्टा की मौत की खबर सुनते ही उसके घर में मातम छा गया. इस पर मृतक लड़की के पिता ने कहा कि उन्होंने अपने दिल, लीवर, दोनों किडनी और अग्न्याशय सहित अपने अंगों को दान करने का फैसला किया है. पुणे के रूबी हॉल क्लिनिक में नई जिंदगी पाने वाले लोगों के परिवारों ने चेस्टा और उसके परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया. बुधवार शाम को मृतक का शव उसके घर लाया गया.

पैतृक गांव में किया गया अंतिम संस्कार

9 दिसंबर को चेष्टा सड़क दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी. जहां, 17 दिसंबर को डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. वहीं, बुधवार को मृतक के पैतृक गांव में उसका अंतिम संस्कार किया गया.

अशोक संचेती ने कही ये बात

हेरिटेज ओनर्स सोसायटी के अध्यक्ष अशोक संचेती ने बताया कि चेस्टा के पिता ज्योति प्रकाश किसान हैं और पोखरण में गैस एजेंसी चलाते हैंय चेस्टा जोधपुर उम्मेद हेरिटेज में रहती थी और राजमाता कृष्णा कुमारी स्कूल में पढ़ती थी. इसके आगे उन्होंने कहा कि वह पायलट बनना चाहती थी और इसके लिए तैयारी भी कर रही थी. जहां चेष्टा ने उड़ान के लिए जरूरी 200 घंटों में से उसने 55 घंटे पूरे कर लिए थे.

RAJASTHAN NEWS
अगला लेख