दिल्ली में हार से हताश और निराश AAP दिग्गज, पंजाब का क्यों कर रहे रुख?
AAP Leaders In Punjab: आम आदमी पार्टी (AAP) में बड़े पैमाने पर पार्टी में फेरबदल करते हुए आप ने दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया को पंजाब के लिए पार्टी का प्रभारी नियुक्त किया गया, जबकि सत्येंद्र जैन को सह-प्रभारी की भूमिका दी है. वहीं अरविंद केजरीवाल पंजाब में सत्ता बचाने और गोवा-गुजराज में चुनाव जितने की तैयारी में लग गए हैं.

AAP Leaders In Punjab: दिल्ली में करारी हार के बाद मानो ऐसा लग रहा था कि 'AAP' के सभी फायरब्रांड नेता किसी सदमे में चले गए हो. इस हार के बाद AAP के सारे दिग्गज पंजाब का रुख करने लगे. पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां आप ने दिल्ली के बाद साल 2022 में अपनी सरकार बनाई थी और अब बारी सत्ता बचाने की है.
आप सुप्रीमों अरविंद केजरीवाल इन दिनों पंजाब में डेरा डाले हुए हैं. दिल्ली का कमान उन्होंने आतिशी और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के हाथों में दे दी है. जबकि गोपाल राय को गुजरात का जिम्मा सौंप दिया है. वहीं पंकज गुप्ता को गोवा संभालने के लिए भेज दिया गया है. गुजरात और गोवा में 2027 में विधानसभा चुनाव है. ऐसे में पार्टी पूरी तरह से राज्यों पर फोकस करने में लगी है.
पंजाब में आप के लिए कई बड़े चैलेंज
आप के दिग्गज नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को पंजाब की जिम्मेदारी मिली है. ऐसे में सवाल है कि क्या आप के दिग्गज पंजाब बचाने की तैयारी में हैं या फिर पंजाब में सेट होने की प्लानिंग में हैं. पंजाब में 2027 में विधानसभा चुनाव है और पार्टी के लिए कई क्षेत्रों में चुनौती बन रही है, जैसे- किसानों का मुद्दा सीएम मान के लिए सिरदर्दी बन रहा, तो महिलाओं से हर महिने 1000 रुपये देने के वादे पर भी सरकार फेल रही.
आप के 3 बड़े खिलाड़ी कर रहे पंजाब फतह की तैयारी
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, केजरीवाल के पास न तो सीएम की गद्दी रही और न ही विधायकी. ऐसे में वह राज्यसभा के रास्ते राजनीति में बने रहने का गेम खेल सकते हैं. हालांकि, उनकी पार्टी ने इसे साफ तौर पर खारिज किया है, लेकिन ये तो सब जानते हैं कि विपश्यना में ध्यान के बहाने केजरीवाल पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों में जुट गए हैं. इस पूरे खेल में उन्होंने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को भी शामिल किया है.
पंजाब में राजनीति खेलने गए AAP के ये तीनों खिलाड़ी शराब नीति मामले में जेल जा चुके हैं. 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों में AAP ने 92 सीटों के साथ भारी जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस सिर्फ़ 18 सीटों पर सिमट गई. हालांकि, दिल्ली में चुनौतियों का सामना करने के कारण पंजाब पर आप की पकड़ कमजोर हो सकती है, जिससे कांग्रेस को खोई जमीन वापस पाने का मौका मिल सकता है. ये देखते हुए आप के सभी नेता सत्ता को बचाने की रणनीति में लग चुके हैं.