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केजरीवाल ने हटवाया किसानों का आंदोलन! कौन से तीन कारण थे जो मान सरकार ने चलाया बुलडोजर

पंजाब सरकार ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर एक साल से अधिक समय से चल रहे किसान विरोध स्थलों को हटा दिया. इस कदम के पीछे अरविंद केजरीवाल का दौरा, लुधियाना के उद्योगपतियों का दबाव और आगामी लुधियाना उपचुनाव जैसे कारण माने जा रहे हैं. कांग्रेस और भाजपा ने इसे किसानों के साथ धोखा बताया, जबकि सरकार ने इसे औद्योगिक नुकसान रोकने की रणनीति कहा.

केजरीवाल ने हटवाया किसानों का आंदोलन! कौन से तीन कारण थे जो मान सरकार ने चलाया बुलडोजर
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 20 March 2025 9:01 AM

पंजाब में लंबे समय से चल रहे किसान विरोध स्थलों को हटाने के फैसले के पीछे तीन प्रमुख कारण नजर आ रहे हैं. अरविंद केजरीवाल का हालिया दौरा, लुधियाना के उद्योगपतियों की नाराजगी और आगामी लुधियाना उपचुनाव. एक साल से अधिक समय तक चलने वाले इन विरोध प्रदर्शनों ने व्यापार और परिवहन को प्रभावित किया था, जिससे राज्य सरकार पर दबाव बढ़ गया.

हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने पंजाब का दौरा किया और लुधियाना में व्यापारियों और उद्योगपतियों से मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, उद्योगपतियों ने आप सरकार को स्पष्ट संदेश दिया कि अगर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी रहा तो वे आम आदमी पार्टी को समर्थन नहीं देंगे. लुधियाना उपचुनाव को देखते हुए यह चेतावनी अहम थी, क्योंकि यह उपचुनाव राजनीतिक समीकरणों में बदलाव ला सकता है.

सोच समझकर की गई कार्रवाई

माना जाता है कि भगवंत मान सरकार ने इस कार्रवाई को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया. विरोध स्थलों पर पहले ही पुलिस बल और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया जा चुका था. हालांकि, सरकार किसान नेताओं सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल को सीधे गिरफ्तार करने से बच रही थी, जिससे स्थिति और ज्यादा तनावपूर्ण न हो.

केंद्रीय मंत्रियों से मिलने के बाद हिरासत में लिया

सरकार को बुधवार को बड़ा मौका तब मिला जब ये दोनों किसान नेता अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, शिवराज सिंह चौहान और प्रह्लाद जोशी से मिलने चंडीगढ़ पहुंचे. बैठक बेनतीजा रही, लेकिन जैसे ही वे वापस शंभू बॉर्डर के लिए निकले, पंजाब पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही हिरासत में ले लिया.

JCB से अस्थायी ढांचों को हटाया

इसके तुरंत बाद, पुलिस ने शंभू और खनौरी बॉर्डर पर विरोध कर रहे अन्य किसानों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी. जेसीबी मशीनों की मदद से अस्थायी ढांचों को हटाया गया और देर रात तक दोनों विरोध स्थलों को पूरी तरह खाली करा दिया गया. किसानों का यह धरना पिछले एक साल से भी अधिक समय से जारी था.

BJP-कांग्रेस ने की आलोचना

इस कार्रवाई पर कांग्रेस और भाजपा ने भगवंत मान सरकार की आलोचना की, इसे किसानों के साथ धोखा करार दिया. हालांकि, सरकार अपने कदम को सही ठहराते हुए कह रही है कि यह फैसला पंजाब के उद्योगों को बचाने के लिए लिया गया है. पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सुझाव दिया कि किसान दिल्ली जाकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करें, क्योंकि उनकी मांगें सीधे केंद्र सरकार से जुड़ी हैं.

पंजाब न्‍यूज
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