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रेप केस में गिरफ़्तार, पुलिस पर फायरिंग कर फरार! कौन है AAP विधायक हरमीत पठानमाजरा, जो बने पंजाब के मोस्ट वांटेड

पंजाब में सिसायत ज्यादा गर्मा गई है. हरमीत सिंह पठानमाजरा आम आदमी पार्टी के विधायक हैं, जिनके खिलाफ एक महिला ने रेप का केस दर्ज कराया है. इस मामले में जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, तो वह फायरिंग कर मौके से फरार हो गए.

रेप केस में गिरफ़्तार, पुलिस पर फायरिंग कर फरार! कौन है AAP विधायक हरमीत पठानमाजरा, जो बने पंजाब के मोस्ट वांटेड
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( Image Source:  x-@mla_singh37945 )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 2 Sept 2025 12:47 PM IST

पंजाब की राजनीति में उस समय अचानक उबाल आ गया जब आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा को बलात्कार के एक गंभीर मामले में गिरफ्तार किया गया. हालांकि, हड़कंप उस समय मचा जब गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों के भीतर वे पुलिस की हिरासत से फरार हो गए.

पठानमाजरा पर यह मामला एक महिला की शिकायत पर दर्ज किया गया है, जो खुद को उनकी पत्नी बता रही है. मामला केवल एक आपराधिक केस तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार सीधे आम आदमी पार्टी की अंदरूनी राजनीति, विरोध की आवाज़ों और सत्ता की साज़िशों से जुड़ते नजर आ रहे हैं. चलिए जानते हैं विधायक हरमीत सिंह की कुंडली और कहानी.

पुलिस पर की फायरिंग

मंगलवार सुबह हरियाणा-पंजाब की सीमा पर स्थित पटियाला में पंजाब पुलिस ने पठानमाजरा को रेप केस में गिरफ्तार किया. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जब उन्हें कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया जा रहा था, उसी दौरान उन्होंने पुलिस पर फायरिंग की और भाग निकले. इस फायरिंग में एक पुलिसकर्मी के घायल होने की खबर है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. अब पंजाब पुलिस के लिए यह न केवल एक हाई-प्रोफाइल केस बन चुका है, बल्कि एक चुनौती भी, जहां एक निर्वाचित विधायक कानून व्यवस्था को खुलेआम चुनौती देता नजर आया.

कौन है हरमीत सिंह पठानमाजरा?

46 साल के हरमीत सिंह पठानमाजरा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1994 में शिरोमणि अकाली दल से की थी. इसके बाद वे मनप्रीत बादल की पार्टी, कांग्रेस और पंजाब एकता पार्टी में भी शामिल रहे. 2020 में उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थामा और 2022 के विधानसभा चुनाव में संनौर सीट से 50,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की. राजनीति में वे हमेशा विवादों के केंद्र में रहे हैं. हाल ही में पंजाब में आई बाढ़ को लेकर उन्होंने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए थे. खासतौर पर उन्होंने सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार और अन्य अधिकारियों को दोषी ठहराया था.

सत्ता से टकराव और राजनीतिक बदले की थ्योरी

जब पठानमाजरा ने खुलेआम भगवंत मान सरकार और पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर सवाल उठाए, तभी से उनके खिलाफ एक्शन की शुरुआत हो गई. उनकी सुरक्षा हटा दी गई और उनके क्षेत्र के SHO तक बदल दिए गए. 2 सितंबर को उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिए बताया कि उनके खिलाफ एक पुराने मामले में धारा 376 (बलात्कार) के तहत केस दर्ज कर दिया गया है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली से निर्देश आ रहे हैं कि उन्हें "शांत" कर दिया जाए. यह बयान उनकी गिरफ्तारी से एक दिन पहले का था और इसके तुरंत बाद वह हिरासत में लिए गए. लेकिन गिरफ्तारी के बाद जिस तरह से वह फरार हुए, उसने इस पूरे मामले को और भी रहस्यमय बना दिया.

गंभीर आरोप: बलात्कार, धोखाधड़ी और धमकियां

यह पूरा मामला जीरकपुर की एक महिला की शिकायत पर दर्ज किया गया है. महिला का दावा है कि वह विधायक की पत्नी है. उसने आरोप लगाया कि हरमीत सिंह ने खुद को तलाकशुदा बताकर उसके साथ संबंध बनाए और 2021 में उससे शादी भी कर ली, जबकि वह पहले से शादीशुदा थे. महिला ने आरोप लगाया कि विधायक ने उसका यौन शोषण किया, उसे धमकाया और कई बार अश्लील सामग्री भेजकर मानसिक प्रताड़ना भी दी. प्राथमिकी में बलात्कार, धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी की धाराएं लगाई गई हैं. इन आरोपों की गंभीरता और विधायक के राजनीतिक कद को देखते हुए मामला और भी संवेदनशील हो गया है.

विधायक की फरारी और पुलिस की तलाश

हरमीत सिंह पठानमाजरा के फरार होते ही पंजाब पुलिस ने राज्यभर में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. सीमाएं सील की गई हैं, विशेष दस्ते लगाए गए हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नहीं मिला है. पुलिस की माने तो पठानमाजरा सशस्त्र हैं और आम नागरिकों के लिए खतरा बन सकते हैं. ऐसे में उनकी गिरफ्तारी न केवल एक कानूनी ज़रूरत है, बल्कि जनता की सुरक्षा का भी सवाल है.

पंजाब न्‍यूज
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