पंजाब की 'इंस्टा क्वीन' कंचन कुमारी उर्फ कमल कौर भाभी के हत्यारे गिरफ्तार, ऐसे रची थी हत्या की साजिश
जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी जसप्रीत सिंह, जिसने खुद को अमृतपाल सिंह के नाम से कंचन के सामने पेश किया था, 7-8 जून की रात को पहली बार उसके घर गया. उस समय कंचन घर पर मौजूद नहीं थी.

पंजाब के बठिंडा जिले में एक बेहद चौंकाने वाली और दिल दहला देने वाली वारदात ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है. सोशल मीडिया पर 'इंस्टा क्वीन' के नाम से मशहूर कंचन कुमारी उर्फ कमल कौर भाभी की हत्या के मामले में पुलिस ने आखिरकार दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इस सनसनीखेज हत्याकांड की साजिश बेहद चालाकी से रची गई थी, जिसमें एक महिला की पहचान, उसकी सफलता और नाम की स्वतंत्रता को कुचल दिया गया.
बठिंडा की एसएसपी अमनीत कौंडल ने शुक्रवार सुबह 11 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले से जुड़े कई अहम खुलासे किए. उन्होंने बताया कि कंचन की मौत के बाद पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर, अलग-अलग टीमों का गठन कर जांच शुरू कर दी थी. पुलिस के लिए यह मामला बेहद संवेदनशील था, क्योंकि पीड़िता न केवल एक चर्चित सोशल मीडिया शख्सियत थीं, बल्कि उनकी लोकप्रियता और स्वतंत्र पहचान भी इस हत्या की वजह मानी जा रही है.
ऐसे रची गई हत्या की साजिश
जांच में सामने आया कि मुख्य आरोपी जसप्रीत सिंह, जिसने खुद को अमृतपाल सिंह के नाम से कंचन के सामने पेश किया था, 7-8 जून की रात को पहली बार उसके घर गया. उस समय कंचन घर पर मौजूद नहीं थी, लेकिन 9 जून को वह दोबारा लौटा, इस बार अपने साथी निमरतजीत सिंह के साथ दोनों ने कंचन को कार प्रमोशन के बहाने अपने साथ चलने को राज़ी किया. कंचन की मां गिरजा देवी ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उन्हें भी शक नहीं हुआ क्योंकि कंचन अक्सर सोशल मीडिया से जुड़े प्रमोशनल कामों के लिए बाहर जाती थी. दोनों आरोपियों ने पहले कंचन की कार को गैराज में खड़ा कर उसकी मरम्मत करवाई, ताकि किसी को शक न हो. इसके बाद उन्होंने कंचन को सुनसान इलाके में ले जाकर रात करीब 1 बजे गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी.
ऐसे लगाया शव को ठिकाने
हत्या के बाद दोनों आरोपी घबराए नहीं, बल्कि प्लानिंग के चलते शव को कंचन की ही कार में डालकर आदेश अस्पताल की पार्किंग में खड़ी कर दिया और मौके से फरार हो गए. यह पूरी वारदात न केवल क्रूरता से भरी थी, बल्कि इस बात का भी सबूत थी कि हत्यारे पूरी योजना के साथ आए थे.
कौर पर थी आपत्ति
जांच के दौरान यह चौंकाने वाला कारण भी सामने आया कि आरोपियों को कंचन का अपना नाम बदलकर 'कमल कौर' रखना नागवार गुज़रा था. दोनों ने उसे 'कौर' शब्द हटाने के लिए कई बार कहा था. नाम, पहचान और कॉन्फिडेंडट पर सवाल उठाना इस कदर बढ़ गया कि आखिरकार उसे अपनी जान गंवानी पड़ी.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
बठिंडा पुलिस ने कड़ी मेहनत और तकनीकी जांच के बाद दोनों मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया. जसप्रीत सिंह पुत्र चरणजीत सिंह, निवासी धुरकोट टाहली वाला चौक, गांव मेहरों, जिला मोगा. निमरतजीत सिंह पुत्र सुखविंदर सिंह, निवासी पट्टी रोड, हरीके पत्तन, जिला तरनतारनदोनों को अदालत में पेश कर पुलिस रिमांड लिया जाएगा, जिससे उम्मीद की जा रही है कि और भी कई राज़ सामने आएंगे.