पंजाब में अनाथ बच्चों का फ्यूचर होगा ब्राइट! CM मान ने गोद लेने की प्रक्रिया को बनाया आसान
Punjab Government: पंजाब में अब अनाथ बच्चों को गोद लेना आसान हो जाएगा. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कानूनी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने गोद लेने वाली 16 एजेंसियों को मंजूरी दी है. इससे बच्चे सुरक्षित और उच्च शिक्षा प्राप्त हो ऐसा घर मिले यह सुनिश्चित करना है. मंत्री ने कहा, यह पहल पंजाब को रंगला पंजाब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

Punjab Government: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य की जनता के लिए बहुत से कल्याणकारी फैसले ले रहे हैं. सरकार अनाथ बच्चों की भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए सराहनीय कदम उठा रही है, उनके लिए बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इंतजाम किए गए हैं. अब मान सरकार ने अनाथ बच्चों को गोद लेने की कानूनी प्रक्रिया को आसान बना दिया है.
पंजाब सरकार ने अनाथ बच्चों को गोद लेने वाली 16 एजेंसियों को मंजूरी दी है. इस कदम से माता-पिता के लिए गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद मिलेगी. इस संबंध में पंजाब सरकार में मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने जानकारी दी.
नए कर्मचारियों की भर्ती
मंत्री बलजीत कौर ने बताया कि पंजाब सरकार ने 176 नई भर्तियों का एलान किया है. ये कर्मचारी गोद लेने की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाएंगे. साथ ही गोद लेने की प्रक्रिया भी पारदर्शी होगी. उन्होंने कहा, सीएम भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि हर अनाथ बच्चे को सुरक्षित घर मिले. यह भी लगातार प्रयास किया जा रहा है कि गोद लेने की प्रक्रिया नैतिक मानकों के अनुसार हो और बच्चों को वे सभी सुविधाएं मिलें, जिनका वह हकदार हैं.
बच्चों को मिले पोषण
बलजीत कौर ने कहा, हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि अनाथ और बेसहारा बच्चों को सुरक्षित और पोषित परिवारों में रखा जाए. जिससे उन्हें अच्छी शिक्षा मिले और मुख्यधारा के समाज में शामिल हो सकें. मंत्री ने कहा, यह पहल पंजाब को रंगला पंजाब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना जारी रखेगी कि हर बच्चे को एक आदर्श और प्यार भरा जीवन मिले.
बच्चों की शिक्षा को लेकर अहम फैसला
हाल ही में सीएम मान ने पंजाब के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार नियम-2011 में बदलाव को मंजूरी दी. इसका उद्देश्य स्कूल प्रबंधन समितियों में अभिभावकों के साथ-साथ समुदाय की भागीदारी को बढ़ाना है, जिससे राज्य भर के सरकारी स्कूलों में व्यापक शैक्षणिक विकास किया जा सके. इस संशोधन से सरकारी स्कूलों की स्कूल प्रबंधन समितियों में सदस्यों की संख्या 12 से बढ़कर 16 हो जाएगी. इसमें अभिभावक, सरकारी अधिकारी और शिक्षक भी शामिल होंगे.