'जल्द जय हिंद के नारे लगाता दिखेगा...', अमृतपाल के खिलाफ क्यों हुए सिमरनजीत मान?
पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. कभी उनका समर्थन करने वाले मान अब अमृतपाल की विचारधारा पर सवाल उठा रहे हैं. NSA के तहत जेल में बंद अमृतपाल ने खडूर साहिब से निर्दलीय चुनाव जीता था, जबकि मान संगरूर से हार गए थे.

पूर्व सांसद और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के प्रमुख सिमरनजीत सिंह मान ने एक समय खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का समर्थन किया था, लेकिन अब उनके खिलाफ तीखे बयान दे रहे हैं. मान ने कहा कि अमृतपाल की न तो कोई विचारधारा है और न ही कोई पहचान. उन्होंने दावा किया कि जल्द ही अमृतपाल ‘जय हिंद’ के नारे लगाते हुए दिखाई देगा, जिससे खालिस्तानी विचारधारा के समर्थकों में मतभेद स्पष्ट हो गए हैं.
सिमरनजीत सिंह मान और अमृतपाल सिंह के बीच बढ़ते टकराव से यह साफ है कि पंजाब में खालिस्तान समर्थक नेताओं के बीच आंतरिक दरार गहरी हो रही है. मान, जो पहले अमृतपाल के समर्थन में खड़े थे, अब उनके खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. इस बदलाव के पीछे मान की हालिया चुनावी हार को भी एक प्रमुख कारण माना जा रहा है, जबकि अमृतपाल ने खडूर साहिब से निर्दलीय जीत दर्ज की थी.
जेल से ही लड़ा था लोकसभा चुनाव
अमृतपाल इस समय राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. उनकी गिरफ्तारी के बावजूद, उन्होंने लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की. वहीं, सिमरनजीत सिंह मान संगरूर सीट से चुनाव हार गए. माना जा रहा है कि चुनावी हार के बाद मान को लगने लगा कि अमृतपाल उनकी लोकप्रियता को चुनौती दे सकते हैं, इसलिए अब उन्होंने उनके खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है.
मान ने चुनाव में किया था समर्थन
चुनाव के दौरान मान ने खुलकर अमृतपाल का समर्थन किया था, लेकिन अब जब अमृतपाल खडूर साहिब से सांसद बन चुके हैं, तो मान उनके खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिख समुदाय के रक्षक होने का दावा करता है, लेकिन अंततः वह भारतीय राष्ट्रवादी नीतियों के अनुरूप चलता दिखाई देगा. मान का यह बयान खालिस्तानी विचारधारा के समर्थकों के बीच उथल-पुथल मचा सकता है.
एक साल पहले हुआ था गिरफ्तार
बता दें, अमृतपाल सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के उम्मीदवारों को हराकर जीत हासिल की. उन्हें कुल 4,04,430 वोट मिले थे, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि जेल में रहते हुए भी उनका प्रभाव कम नहीं हुआ है. अमृतपाल को पिछले साल अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था. करीब एक महीने तक फरार रहने के बाद उन्होंने पंजाब के मोगा जिले में सरेंडर किया था, जिसके बाद उन्हें NSA के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. पंजाब पुलिस का आरोप है कि अमृतपाल की गतिविधियां राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा थीं, इसलिए उन्हें डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है.