पर्यावरण सुधार के लिए पंजाब सरकार का बड़ा कदम, जापानी एजेंसी के साथ की डील
पंजाब सरकार ने जापान की एक एजेंसी के साथ समझौता किया है. सरकार एजेंसी के साथ मिलकर राज्य के पर्यावरण के संरक्षण और वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए गंभीर है. सरकार ने 20230 तक इस क्षेत्र को 7.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इस संबंध में पंजाब के वन्यजीव संरक्षण मंत्री श्री लाल चंद कटारूचर ने जानकारी दी.

Punjab Government: पंजाब सरकार प्रदेश में पर्यावरण को साफ रखने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई की है. अब सीएम मान ने पंजाब के वन्य क्षेत्र को बढ़ाने के लिए बड़ा फैसला लिया है.
पंजाब सरकार ने जापान की एक एजेंसी के साथ समझौता किया है. सरकार एजेंसी के साथ मिलकर राज्य के पर्यावरण के संरक्षण और वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए गंभीर है. सरकार ने 20230 तक इस क्षेत्र को 7.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
पर्यावरण संरक्षण के लिए किया समझौता
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जापान कोऑपरेशन एजेंसी के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट तैयार किया है. इस संबंध में पंजाब के वन्यजीव संरक्षण मंत्री श्री लाल चंद कटारूचर ने जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा की गई है. राज्य में एग्रोफॉरेस्ट्री के जरिए पेड़ों की संख्या बढ़ाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. इसका सामना करने के लिए ही सरकार ने जापानी एजेंसी के साथ हाथ मिलाया है.
कितनी है प्रोजेक्ट की लागत
इस प्रोजेक्ट की कीमत 792.88 करोड़ रुपये होगी. मान सरकार का मकसद राज्य में वन क्षेत्र को बढ़ाने के साथ-साथ अन्य समस्याओं का समाधान करना है. जिनमें पराली जलाने के कारण फैलने वाला वायु प्रदूषण, ग्राउंड वॉटर संरक्षण, शिवालिक की इंटीग्रेटेड वॉटरशेड मैनेजमेंट और किसानों की आय में बढ़ोतरी शामिल हैं. इस पहल से पशुपालन को भी बढ़ावा दिया जाएगा. मान सरकार का उद्देश्य इकोटूरिज्म को बढ़ावा देना है. इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में तेजी और जैव विविधता को बनाए रखते हुए राज्य के वेटलैंड्स में सुधार का उद्देश्य है.
कब शुरू होगा प्रोजेक्ट पर काम
पंजाब सरकार और जापान की एजेंसी के इस प्रोजेक्ट से पंजाब में पर्यावरण सुधार में काफी मदद मिलने वाली है. मान सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, जापानी एजेंसी और पंजाब वन विभाग एक साथ मिलकर एक विस्तृत रिपोर्ट बनाएंगे और इसे अंतिम रूप देंगे. इस प्रोजेक्ट को 2025-26 तक लागू करने की योजना है. इसे अगले पांच साल तक लागू किया जाएगा. योजना के तहत पंजाब में जगह-जगह पेड़ लगाए जाएंगे, जिससे प्रदूषण का स्तर होने में भी काफी सहायता मिलेगी और बेहतर प्रदेश वासी स्वच्छ हवा में सांस ले सकेंगे.