पंजाब में किसानों की मौज! अब बीटी कपास हाईब्रिड बीजों मिलेगी 33 फीसदी सब्सिडी
Punjab Government: पंजाब सरकार ने किसानों को बीटी कपास संकर बीजों पर 33 फीसदी सब्सिडी देने की घोषणा की है. सब्सिडी कार्यक्रम हर किसान को अधिकतम 5 एकड़ या 10 पैकेट कपास के बीज उपलब्ध कराने तक सीमित है. उन्होंने बताया कि वे यह सुनिश्चित करें कि उन्हें बीटी कपास के बीच की खरीद पर सही बिल मिले. विभाग ने इस साल कपास के रकबे को कम से कम 1.25 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है.

Punjab Government: पंजाब सरकर किसानों को हर संभव राहत देने के लिए लगातार अहम फैसले ले रही है. उन्हें बिजली, पानी बीजों खरीद समेत कई चीजों में सब्सिडी प्रदान की जा रही है. इस बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक और बड़ी घोषणा की है. कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए बीटी कपास संकर बीजों पर 33 फीसदी सब्सिडी देने का एलान किया है.
जानकारी के अनुसार, पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (PAU) लुधियाना की ओर से सब्सिडी बढ़ाने का फैसला लिया गया था. कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा, सब्सिडी कार्यक्रम के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई. इस फैसले किसान को वित्तीय बोझ कम होगा. अब वे कम दान में कीट प्रतिरोधी बीटी कॉटन हाइब्रिड बीच खरीद पाएंगे.
किसानों को होगा लाभ
पंजाब सरकार ने इस कदम से किसानों को फायदा होने वाला है. विभाग ने इस साल कपास के रकबे को कम से कम 1.25 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. बता दें कि पंजाब के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्सों में कपास एक महत्वपूर्ण फसल है. यह धान की फसल की तरह की मोटा लाभ प्रदान करती है. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों की हर संभव मदद के लिए प्रतिबद्ध है.
विभाग ने दी जानकारी
पंजाब के कृषि विभाग के प्रशासनिक सचिव डॉ. बसंत गर्ग ने कहा कि सब्सिडी कार्यक्रम हर किसान को अधिकतम 5 एकड़ या 10 पैकेट कपास के बीज उपलब्ध कराने तक सीमित है. उन्होंने बताया कि वे यह सुनिश्चित करें कि उन्हें बीटी कपास के बीच की खरीद पर सही बिल मिले.
धान की रोपाई
हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने धान की रोपाई को लेकर फैसला किया था. सीएम ने कहा, 1 जून से धान की रोपाई की जाएगी. इसके लिए दो चरण में व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा, राज्य को 3 जोनों में बांटा है और इन तीनों के तहत आने वाले जिलों में 1 जून, 5 जून और 9 जून को धान की खेती शुरू की जाएगी. सरकार किसानों की फसल से जुड़ी हर जरूरत हो पूरा करेगी.
पंजाब के कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएस जोहल और अन्य से इस फैसले की आलोचना की थी. सीएम से पत्र लिखकर जल्दी रोपाई के फैसले पर फिर से विचार करने को कहा था. उनका मानना है कि तय सीजन से 20 दिन पहले धान की रोपाई करने से राज्य के कई इलाकों में आगे चलकर भूजल संकट आ सकता है.