पंजाब का नया कानून, सरकार के साथ जनता भी होगी मालामाल
पंजाब सरकार ने प्रदेश की लोकल बॉडी विभाग शहरों में कॉर्पोरेशन की प्रॉपर्टी को बेच कर करोड़ों रुपये कमा सकता है. इस पैसे का इस्तेमाल सरकार विकास कार्यों पर खर्च करके जनता से किए गए वायदों को पूरा सकती है. इसके तहत 12 सालों से म्युनिस्पिल दुकानों पर काबिज किराएदारों को मालिकाना हक दे दिया जाएगा.

Punjab Government: पंजाब सरकार प्रदेश की जनता के लिए लगातार नई योजनाओं लॉन्च कर रही है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक और बड़ा फैसला लिया है, जिससे आप करोड़ों का मुनाफा हो सकता है.
पंजाब सरकार ने प्रदेश की लोकल बॉडी विभाग शहरों में कॉर्पोरेशन की प्रॉपर्टी को बेच कर करोड़ों रुपये कमा सकता है. इस पैसे का इस्तेमाल सरकार विकास कार्यों पर खर्च करके जनता से किए गए वायदों को पूरा सकती है.
क्या है कानून?
द पंजाब मैनेजमेंट एंड ट्रांसफर और म्युनिस्पिल प्रॉर्टीज एक्ट को 2022 में बनाया था. इसके तहत 12 सालों से म्युनिस्पिल दुकानों पर काबिज किराएदारों को मालिकाना हक दे दिया जाएगा. जानकारी के अनुसार यह दुकानें न केवल जालंधर बल्कि लुधियाना, अमृतसर, पटियाला व अन्य शहरों में भी स्थित हैं. अकेले जालंधर में ही 252 दुकानों की पहचान हुई थी जो कार्पोरेशन की हैं. इसके अलावा भी कार्पोरेशन की शहरों में अन्य जायदादें भी स्थित हैं. इन्हें बेचने से करोड़ों की कमाई होगी.
सरकार के फैसले से खुश हैं लोग
एक दुकान के किराएदार गुरदीप सिंह ने पंजाब सरकार के इस फैसले को लेकर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि भगवंत मान ने किराएदारों के हित में फैसला सुनाकर सौगात दी है. उन्होंने बताया कि 2020 के एक्ट को लागू करने की जरूरत है. लोकल बॉडी विभाग में बहुत सारे मंत्री आए लेकिन किसी ने ऐसा फैसला नहीं लिया.
पंजाब में बनाए जाएंगे मेडिकल कॉलेज
पंजाब सरकार प्रदेश के चार जिलों में नए मेडिकल कॉलेज बनाने वाली है. इस संबंध में पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मान सरकार की ओर से पंजाब के चार जिलों में मेडिकल कॉलेज तैयार किए जाएंगे. इनमें होशियारपुर, कपूरथला, संगरूर और मालेरकोटला शामिल हैं. इनका निर्माण अगले 6 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा.
सरकारी अस्पताल में मिलेगी ये सुविधा
मंत्री ने बताया कि पंजाब के सरकारी अस्पतालों के इमरजेंसी वार्डों में मरीजों की सुविधा के लिए सुविधा केंद्र स्थापित किए जाएंगे. मरीज का केवल एक रिश्तेदार सहायक के रूप में आपातकालीन वार्ड में एंट्री कर सकेगा जबकि मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ मरीज की सहायता के लिए तैनात रहेंगे. अस्पताल में भीड़ को कंट्रोल करने के लिए यह फैसला लिया गया है.