चालान से फर्क नहीं पड़ता साहब! बार-बार ट्रैफिक नियम क्यों तोड़ रहे पंजाब वाले? चार गुना बढ़ गए मामले
पंजाब की सड़कों पर चालान की बारिश हो रही है, कैमरे हर गलती पकड़ रहे हैं, जुर्माने का आंकड़ा करोड़ों में पहुंच चुका है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि लोगों की आदतों पर इसका असर नाम मात्र का भी नहीं दिख रहा. ट्रैफिक नियम तोड़ने के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, यहां तक कि एक साल में यह आंकड़ा चार गुना तक उछल गया.
पंजाब की सड़कों पर ट्रैफिक नियमों का पालन करवाने के लिए सरकार ने जब ई-चालान सिस्टम लागू किया, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि इसका असर इतना बड़ा होगा. “हर दो मिनट पर एक चालान” यह आंकड़ा जितना चौंकाता है, उतना ही सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर सड़कें सुरक्षित हो रही हैं या सिर्फ चालान की गिनती बढ़ रही है?
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पिछले एक साल में चालान संख्या चार गुना से ज्यादा उछल गई है और जुर्माने की राशि भी नई ऊंचाइयों पर पहुंच चुकी है. यह कहानी सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि उस बदलती व्यवस्था की है जिसे ‘थर्ड आई’ लगातार मॉनिटर कर रही है.
तरीके से लागू हुआ सिस्टम, लेकिन संख्या क्यों उछली?
ई-चालान व्यवस्था पंजाब के प्रमुख शहरों में धीरे-धीरे लागू की गई. चंडीगढ़ मॉडल की तर्ज पर मोहाली, लुधियाना, अमृतसर और जालंधर में सैकड़ों कैमरे लगाए गए. कैमरे चालू होते ही ट्रैफिक नियमों की पोल खुलनी शुरू हो गई. 2022 में जहां 53 हज़ार के आसपास चालान थे, वहीं 2023 में यह संख्या बढ़कर 72 हजार हो गई. लेकिन असली झटका 2024 ने दिया. चालान लगभग 4 लाख के आंकड़े को पार कर गए. सवाल यह है कि कैमरे बढ़े, या गलती करने वालों की संख्या?
जुर्माने में आया उछाल
2022 में जहां जुर्माना करीब 4.66 करोड़ था, वहीं 2023 में यह 12 करोड़ तक पहुंच गया. इसके बाद 2024 में जुर्माने का आंकड़ा सीधे 83 करोड़ रुपये पर जा रुका. इतनी भारी-भरकम रक़म का मतलब साफ है या तो लोग नियमों को हल्के में ले रहे हैं, या फिर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गई है. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती. चालान जमा कराने की जिम्मेदारी भी एक नई चुनौती बनकर सामने आई. 2024 में 52 करोड़ रुपये लोग जमा कर पाए, लेकिन करीब 31 करोड़ रुपये अब भी बकाया हैं. आखिर इतनी बड़ी राशि क्यों लंबित है?
ब्लैकलिस्टिंग की कार्रवाई
परिवहन विभाग अब उन वाहन मालिकों के खिलाफ फौलादी कार्रवाई के मूड में है, जो चालान जमा कराने से बच रहे हैं. 6800 वाहनों को ब्लैकलिस्ट किया गया है, जिनकी आरसी न तो ट्रांसफर हो सकती है, न रिन्यू. विभाग ने साफ कर दिया है कि जरूरत पड़ी तो ऐसे वाहनों को जब्त करने से भी पीछे नहीं हटेगा. कुछ वाहनों पर तो एक-एक लाख रुपये से ज्यादा का जुर्माना बकाया है. सवाल यह उठता है कि क्या यह सिस्टम लोगों को अनुशासित करेगा या तनाव बढ़ाएगा?





