थ्रीसम सेशन ऑडियो पर मचा बवाल, कोर्ट ने पंजाब पुलिस को दिए जांच के आदेश, सीएम मान भी एक्शन में, जानें क्या है मामला
शिकायतकर्ता का कहना है कि इस बातचीत से यह साफ पता चलता है कि आईपीएस ऑफिसर को इस सेक्स ट्रेड के बारे में पता है और वह इसमें शामिल भी है. इसके अलावा, ऑफिसर सिर्फ 3-4 घंटे के लिए 50,000 रुपये तक देने को तैयार है, जिससे उनकी फाइनेंशियल स्टेट्स का पता चलता है.

हाल ही में सोशल मीडिया पर एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ था, जिसमें एक ऑफिसर महिला से थ्रीसम सेशन के लिए पैसों के बारे में बात करता है. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक एडवोकेट ने सेक्स स्कैंडल के ऑडियो क्लिप का हवाला देते हुए जांच की मांग की है.
निखिल सराफ ने यह भी कहा है कि ऑडियो की फॉरेंसिक जांच होनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि यह फेक है या रियल. वकील ने 8 अप्रैल को यह शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय और पंजाब राज्य महिला आयोग को भी ईमेल की है.
महिला को दी जाए सुरक्षा
इसके आगे उन्होंने कहा कि इस रिकॉर्डिंग में जिन महिलाओं की आवाज है, उनकी तुरंत पहचान की जानी चाहिए, ताकि उन्हें सुरक्षा दी जा सके, क्योंकि यह मामला ऑफिसर से जुड़ा है. ऐसे में उनकी जान को खतरा हो सकता है.
आय की हो जांच
शिकायतकर्ता का कहना है कि इस बातचीत से यह साफ पता चलता है कि आईपीएस ऑफिसर को इस सेक्स ट्रेड के बारे में पता है और वह इसमें शामिल भी है. इसके अलावा, ऑफिसर सिर्फ 3-4 घंटे के लिए 50,000 रुपये तक देने को तैयार है, जिससे उनकी फाइनेंशियल स्टेट्स का पता चलता है. शिकायतकर्ता ने यह भी मांग की है कि सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन, एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट और पुलिस डिपार्टमेंट की फाइनेंशियल विंग सोर्स ऑफ इनकम और फाइनेंशियल ट्रांसजैक्शन का फोरेंसिक ऑडिट किया जाए, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या उसके पास क्या उसके वह गलत तरीके से पैसा कमा रहा है.
AI जनरेटेड है ऑडियो
अदालत में दायर याचिका में सोशल एक्टिविस्ट देविंदर सिंह कालरा का कहना है कि कंटेंट एआई जनरेटेड है, जिसमें आवाज़ क्लोन किए गए ऑडियो है. यह मिसलिडिंग है, जो पब्लिक ऑर्डर और पुलिस फोर्स को कमजोर करने का एक तरीका है. साथ ही, उन्होंने कहा कि ऑडियो में मकैनिकल और अननैचुरल टोन है. अदालत ने मोहाली के राज्य साइबर अपराध प्रभाग के प्रभारी को आदेश के अनुपालन को लागू करने और निगरानी करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया.