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लड़की से बातचीत करने की कोशिश की तो हाईकोर्ट पहुंच गया मामला? जानें कैसे

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. इसमें एक महिला ने एक पुरुष के खिलाफ बातचीत शुरू करने का आरोप लगाते हुए आईपीसी की धारा 354 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई थी.

लड़की से बातचीत करने की कोशिश की तो हाईकोर्ट पहुंच गया मामला? जानें कैसे
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( Image Source:  Sora_ AI )
सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Published on: 24 Sept 2025 11:22 PM

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. इसमें एक महिला ने एक पुरुष के खिलाफ बातचीत शुरू करने का आरोप लगाते हुए आईपीसी की धारा 354 के तहत एफआईआर दर्ज करवाई थी.

हालांकि, हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि यदि कोई पुरुष किसी महिला से बातचीत करता है लेकिन महिला के मना करने पर तुरंत बातचीत बंद कर देता है, तो यह महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला अपराध नहीं माना जाएगा. माननीय न्यायालय ने इस मामले को खारिज करते हुए कहा कि किसी पुरुष द्वारा बातचीत की कोशिश करना, भले ही महिला को कष्टदायक लगे, लेकिन यह अपराध की श्रेणी में नहीं आता.

मामला किस प्रकार हुआ शुरू

यह पूरा मामला भगवत दयाल शर्मा पीजी आयुर्विज्ञान संस्थान, रोहतक की लाईब्रेरी से जुड़ा था. 22 जुलाई 2020 को आरोपी व्यक्ति ने एक मेडीकल छात्रा से हाय-हैलो कर बातचीत करने की कोशिश की. छात्रा ने मना कर दिया और आरोपी व्यक्ति तुरंत लाईब्रेरी से बाहर चला गया. इसके बावजूद महिला ने आरोपी के खिलाफ धारा 354 के तहत मामला दर्ज करवा दिया.

वकील की दलील और हाईकोर्ट की राय

अभियुक्त के वकील ने अदालत में कहा कि उनका मुवक्किल एक रूसी यूनिवर्सिटी में मेडीकल की पढ़ाई कर रहा है और केवल दोस्त के साथ रोहतक आया था. उसने छात्रा से केवल बातचीत शुरू करने की कोशिश की थी, किसी प्रकार का बल प्रयोग या हिंसा नहीं की.

न्यायमूर्ति कीर्ति सिंह ने सुनवाई के दौरान कहा, "ऐसा काम किसी भी महिला की शालीनता को ठेस नहीं पहुंचाता. हालांकि इसे कष्टदायक या गलत माना जा सकता है, लेकिन यह अपराध नहीं बनता." अदालत ने आरोपी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए रोहतक पुलिस को एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया.

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