व्यंग्य की स्याही से लिखी विवाद की इबारत! कौन हैं PM और RSS पर कार्टून बनाकर फंसे हेमंत मालवीय?
इंदौर के चर्चित कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय एक बार फिर विवादों में हैं. उन्होंने पीएम मोदी और RSS पर एक व्यंग्यात्मक कार्टून पोस्ट किया, जिसे लेकर संघ समर्थकों ने आपत्ति जताई और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. मालवीय पर धार्मिक भावनाएं भड़काने, अश्लीलता और संघ की छवि धूमिल करने के आरोप लगे हैं. वह पहले भी ऐसे मामलों में फंस चुके हैं.

इंदौर के चर्चित कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं. इस बार मामला उनके एक फेसबुक पोस्ट से जुड़ा है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को लेकर एक व्यंग्यात्मक कार्टून शेयर किया था. यह पोस्ट वायरल होते ही आरएसएस से जुड़े कार्यकर्ताओं ने इसे संघ की छवि धूमिल करने वाला बताया और पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी.
इस मामले में वरिष्ठ वकील और RSS कार्यकर्ता विनय जोशी ने लसूड़िया थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उनके अनुसार, हेमंत मालवीय द्वारा पोस्ट किया गया कार्टून न केवल प्रधानमंत्री और संघ के प्रति आपत्तिजनक है, बल्कि इसका उद्देश्य हिंदू धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाना भी है. उन्होंने इस सामग्री को अश्लील और भड़काऊ करार दिया, जिसे सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश बताया गया.
इंदौर पुलिस ने क्या कहा?
पुलिस का कहना है कि मालवीय ने अपने फेसबुक पेज पर जिन कार्टूनों और वीडियो को शेयर किया, उनमें भगवान शिव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS का जिक्र है. उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 196, 299 और 352 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो धार्मिक भावनाओं को भड़काने और सांप्रदायिक तनाव फैलाने से संबंधित हैं. मामले की जांच फिलहाल जारी है.
कौन हैं हेमंत मालवीय?
हेमंत मालवीय इंदौर के एक लोकप्रिय कार्टूनिस्ट हैं, जो राजनीतिक और सामाजिक विषयों पर तीखे व्यंग्य के लिए जाने जाते हैं. वे एक कलाकार, कार्टूनिस्ट और वेडिंग डेकोरेटर भी हैं. उनके फेसबुक पर 40,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं. अपने सभी कार्टूनों पर वे डिस्क्लेमर देते हैं कि सभी पात्र काल्पनिक हैं और किसी वास्तविक व्यक्ति से उनकी समानता मात्र संयोग है.
मालवीय ने लगाए टारगेटिंग के आरोप
मालवीय ने इन आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि उनके कार्टूनों को बहाना बनाकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वे प्रशासन और सत्ता पक्ष पर तीखे सवाल उठाते हैं. उन्होंने मीडिया से कहा कि उनके खिलाफ पूर्व में दर्ज मामलों में क्लोजर रिपोर्ट लग चुकी है और उन्होंने कभी पीएम मोदी की मां के खिलाफ कुछ नहीं कहा. उनके अनुसार, रामदेव से जुड़े पुराने मामले के बाद से ही वे दक्षिणपंथी संगठनों के निशाने पर हैं.
पहले भी कानूनी विवादों में फंस चुके हैं
हेमंत मालवीय का यह पहला कानूनी विवाद नहीं है. 2022 में उत्तराखंड पुलिस ने उन्हें योग गुरु रामदेव के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर बनाने के आरोप में दर्ज किया था. इसके बाद उसी वर्ष इंदौर पुलिस ने भी उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की मां की मृत्यु पर एक कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी. ऐसे मामलों की पृष्ठभूमि को देखते हुए यह स्पष्ट है कि मालवीय अक्सर सत्ता से टकराते रहे हैं.