'ईसाई धर्म से निकाले जाने के डर से कुंभ नहीं गए राहुल गांधी', MP के इस मंत्री के बयान से भूचाल
मध्य-प्रदेश के एक मंत्री विश्वास सारंग ने राहुल गांधी और उनके परिवार को लेकर तीखी बयानबाजी की है. इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल काफी तेज कर दी है. दरअसल उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और उनका परिवार महाकुंभ में स्नान के लिए इसलिए नहीं गए क्योंकि इटली से अनुमति नहीं मिली और कहीं ईसाई धर्म से बाहर कर दिया जाए, इस डर से उन्होंने कुंभ में स्नान नहीं किया.

मध्य प्रदेश सरकार में एक मंत्री विश्वास सारंग ने हाल ही में जबलपुर में एक विवादित बयान दिया इस बयान में उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनके परिवार पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि गांधी परिवार के सदस्य सिर्फ हिंदू धर्म के प्रति अपनी आस्था का झूठा दिखावा और ढोंग करते हैं. लेकिन असलियत कुछ और है. जिसे वो छिपा रहे हैं.
दरअसल मीडिया से बातचीत के दौरान सारंग ने कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका और सोनिया गांधी इन नेताओं का हिंदू धर्म के प्रति कोई सच्चा विश्वास नहीं है.यह लोग सिर्फ दिखावा करते हैं, और लोगों से अपनी असलियत छिपा रहे हैं.
कोट के ऊपर जनेऊ पहनते हैं
सारंग ने राहुल गांधी पर वार किया और कहा कि वो सिर्फ दिखावे के हिंदू हैं. कोट के ऊपर जनेऊ पहनते हैं और यह कहते हैं कि मैं हिंदू हूं. जबकी यह सिर्फ एक दिखावा है. " उन्होंने बाद उन्होंने प्रियंका गांधी पर भी टिप्पणी की, और कहा कि "प्रियंका गांधी गंगा मैया की उलटी आरती उतारती हैं और कहती हैं कि मैं हिंदू हूं. " मंत्री ने सोनिया गांधी को भी निशाने पर लिया और कहा, "सोनिया गांधी कहती हैं कि मैं भारत की बहू बन गई, लेकिन जब 66 करोड़ लोग कुंभ मेले में डुबकी लगाने गए, तब मैं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी का नाम ढूंढता रहा, लेकिन मुझे उनका नाम नहीं मिला."
ईसाई धर्म से बाहर न हो इस डर से नहीं गए कुंभ
उन्होंने कहा कि अगर गांधी परिवार सच में हिंदू धर्म का पालन करता, तो उन्हें कुंभ मेला में डुबकी लगाने जाना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. मंत्री ने इसका कारण यह बताया कि इटली से अनुमति नहीं मिली और कहीं ईसाई धर्म से बाहर कर दिया जाए, इस डर से नेहरू परिवार ने कभी भी कुंभ मेले में हिस्सा नहीं लिया. हालांकि उनके इस बयान ने मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद उत्पन्न कर सकता है. गांधी परिवार पर ऐसे हमलों से विपक्षी नेताओं और राजनीतिक हलकों में विभिन्न प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. विश्वास सारंग के इस बयान को लेकर अब राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है और कांग्रेस पार्टी ने इसे अपनी धार्मिक आस्थाओं का अपमान बताया है.