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मंत्री के गृह क्षेत्र में न रोड, न एम्बुलेंस... कीचड़ में खाट पर ले जाई गई गर्भवती महिला, जुड़वां बच्चियों में से एक की मौत; वीडियो वायरल

मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां धानी गांव की एक गर्भवती महिला को सड़क न होने की वजह से समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका. महिला ने घर पर ही जुड़वा बच्चियों को जन्म दिया, जिनमें से एक की कुछ घंटों बाद मौत हो गई. महिला की हालत बिगड़ने पर उसे खाट पर लादकर 2 किलोमीटर कीचड़ भरे रास्ते से अस्पताल ले जाया गया. यह घटना राज्य मंत्री राधा सिंह के गृह क्षेत्र की है, जिससे ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली उजागर हुई है.

मंत्री के गृह क्षेत्र में न रोड, न एम्बुलेंस... कीचड़ में खाट पर ले जाई गई गर्भवती महिला, जुड़वां बच्चियों में से एक की मौत;  वीडियो वायरल
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( Image Source:  Social Media )

Singrauli pregnant woman Carried on cot: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. चितरंगी के धानी गांव में सड़क नहीं होने के कारण एक गर्भवती महिला को खाट पर लादकर अस्पताल ले जाना पड़ा. रास्ता न होने की वजह से महिला को घर पर ही जुड़वा बच्चियों को जन्म देना पड़ा, लेकिन उनमें से एक बच्ची की कुछ घंटों बाद मौत हो गई.

गांव की रहने वाली गल्लू देवी को प्रसव पीड़ा हुई, लेकिन अस्पताल तक पहुंचने का कोई साधन नहीं था. ऐसे में महिला ने घर पर ही दो बच्चियों को जन्म दिया. हालात बिगड़ने पर परिजनों ने उसे खाट पर लादकर दो किलोमीटर कीचड़ भरे रास्ते से पैदल सफर तय किया और फिर एक ऑटो के जरिए पास के स्वास्थ्य केंद्र ले गए.


घटना का वीडियो वायरल

स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और प्राथमिक उपचार के बाद महिला को घर भेज दिया गया. BMO हरिशंकर बैंस ने बताया कि एक नवजात बच्ची का वजन 1 किलो से भी कम है, उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन परिजन उसे वापस घर ले गए, जिससे उसकी जान को खतरे में बताया जा रहा है. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.


पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राधा सिंह पर उठे सवाल

प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री राधा सिंह, जिनका यह गृह क्षेत्र है, पर सवाल उठने लगे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार सड़क निर्माण की मांग की गई, लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने अनदेखी की. यह मामला न सिर्फ गांव की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलता है, बल्कि शासन की संवेदनहीनता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है.



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