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MP: सतना में एलटीटी ऑपरेशन कैंप में लापरवाही; महिलाओं के साथ पशुओं जैसा बर्ताव,Video वायरल

सतना से एक वीडियो वायरल हो रहा है, जहां एलटीटी ऑपरेशन कैंप आयोजित किया गया था. महिलाओं को ऑपरेशन के बाद दर्द में बिलखते हुए, एक ही एंबुलेंस में बुरी तरह ठूंसा गया जैसे वे कोई जानवर हों. वीडियो वायरल होने के बाद लोग गुस्सा जाहिर करते हुए नजर आ रहे हैं.

MP: सतना में एलटीटी ऑपरेशन कैंप में लापरवाही; महिलाओं के साथ पशुओं जैसा बर्ताव,Video वायरल
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सतना जिले के कोठी कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में हाल ही में एक एलटीटी ऑपरेशन कैंप आयोजित किया गया था, लेकिन इस कैंप में हुई लापरवाही ने सवाल खड़े कर दिए हैं. महिलाओं को ऑपरेशन के बाद दर्द में बिलखते हुए, एक ही एंबुलेंस में बुरी तरह ठूंसा गया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो की पुष्टि स्टेट मिरर हिंदी नहीं करता है.

इंडिया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में साफ दिख रहा है कि 16 महिलाओं को एक ही एंबुलेंस में इस तरह ठूस कर भेजा गया जैसे वे कोई जानवर हों. इस वीडियो ने पूरे स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. इसमें दिखाया गया है कि महिलाओं को ऑपरेशन के बाद घर लौटने के लिए एक एंबुलेंस में इतना ज्यादा भरा गया कि उनकी हालत दर्दनाक हो गई. यह घटनाक्रम गुरुवार शाम का है, जब 32 महिलाओं का एलटीटी ऑपरेशन हुआ था.

महिलाओं के साथ यह कैसा व्यवहार?

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह कैंप हर गुरुवार को आयोजित किया जाता है, जिसमें महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन किया जाता है. इस बार ऑपरेशन के बाद महिलाएं दर्द से बिलख रही थीं और उन्हें एक ही एंबुलेंस में ठूंस दिया गया, जिसमें 16 लोग सवार थे. इस एंबुलेंस में केवल 4 महिलाएं ऑपरेशन के लिए आई थीं, जबकि बाकी लोग उनके परिजन और बच्चे थे.

क्या है एंबुलेंस में 16 लोगों के बैठाने की वजह?

मिली हुई जानकारी के अनुसार, नसबंदी ऑपरेशन के बाद महिलाओं को घर तक छोड़ने की व्यवस्था नहीं होती. हालांकि, इस बार एंबुलेंस में महिलाओं को उनके घर तक छोड़ने की व्यवस्था की गई, लेकिन एंबुलेंस में इतनी ज्यादा भीड़ होना सही नहीं था. सूत्रों का कहना है कि इस घटना में आशा कार्यकर्ताओं की मिलीभगत हो सकती है, जिन्होंने एंबुलेंस बुलाने के लिए दबाव डाला.

एलटीटी के एवज में महिला को मिलने वाली 2 हजार रुपए की राशि में परिवहन की राशि शामिल होती है. बताया गया है कि "आशा कार्यकर्ताओं की मिली भगत से 108 नम्बर पर फोन लगाकर एंबुलेंस बुलाया. आशाओं के दबाव पर चालक ने एंबुलेंस सीजी 04 एनडब्ल्यू 6340 में महिलाओं और उनके परिजनों को बिठा लिया. हालांकि जब मीडियाकर्मी द्वारा इसका वीडियो बनाया जा रहा था तब ड्राइवर के साथ गलत व्यव्हार हुआ औैर उसने कैमरा छीनने का भी प्रयास किया."

सीएमएचओ की प्रतिक्रिया

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. एलके तिवारी ने इस मामले की जांच की बात कही है. उन्होंने कहा कि भले ही प्रोत्साहन राशि में परिवहन का खर्च भी शामिल होता है, लेकिन इतनी भीड़भाड़ वाली एंबुलेंस में महिलाओं को भेजना गलत है. इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी और एंबुलेंस के चालक से भी जानकारी ली जाएगी.

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