सब पवित्र कर देंगे... धाकड़ के सेक्स कांड के बाद कांग्रेस नेताओं ने एक्सप्रेस वे पर छिड़का गंगाजल
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर महिला संग आपत्तिजनक हरकत करने वाले भाजपा नेता मनोहरलाल धाकड़ को छह दिन बाद गिरफ्तार कर लिया गया. मामला केवल नैतिक पतन नहीं, ब्लैकमेलिंग और सत्ता दुरुपयोग का भी बन गया है. कांग्रेस ने शुद्धिकरण कर विरोध जताया. अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या जांच निष्पक्ष होगी या मामला दबा दिया जाएगा.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर खुलेआम आपत्तिजनक हरकत करने वाले भाजपा नेता मनोहरलाल धाकड़ को आखिरकार छह दिन की चुप्पी के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. धाकड़ से तीन घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें उसी स्थान पर ले जाया गया, जहां उनका वीडियो सामने आया था. यह गिरफ्तारी भाजपा की छवि और आचार संहिता दोनों पर सवाल खड़े करती है.
बताया गया कि वायरल वीडियो एक्सप्रेसवे पर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ. यह वीडियो वायरल करने से पहले एनएचएआई के कंट्रोल रूम कर्मचारियों ने कथित रूप से नेता से पैसों की मांग की. जब पैसे नहीं मिले तो वीडियो को सार्वजनिक कर दिया गया. यह मामला अब केवल नैतिक पतन नहीं, बल्कि ब्लैकमेलिंग और गोपनीयता उल्लंघन में भी तब्दील हो चुका है.
कांग्रेस ने किया 'शुद्धिकरण'
इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस ने इसे केवल एक अपराध नहीं, बल्कि सामाजिक पतन करार दिया. शामगढ़ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश जायसवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने एक्सप्रेसवे पर गंगाजल छिड़क कर 'शुद्धिकरण' किया और गायत्री मंत्र का जाप करते हुए ऐसी हरकतों के खिलाफ सांकेतिक विरोध जताया. यह एक राजनीतिक संदेश भी था कि सत्ता में बैठे लोग खुद को कानून से ऊपर न समझें.
एनएचएआई के तीन कर्मचारी हटाए गए
ब्लैकमेलिंग के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए एनएचएआई ने तुरंत एक्शन में आकर कंट्रोल रूम में तैनात तीन कर्मचारियों को हटा दिया है. एसपी मंदसौर ने एनएचएआई को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है. इससे सरकारी निगरानी सिस्टम की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ है.
महिला की तलाश जारी
वीडियो में दिख रही महिला की पहचान हो चुकी है लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई. सूत्रों के मुताबिक, वह नेताजी की पुरानी परिचित है और तबादले के किसी मामले को लेकर संपर्क में आई थी. कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि महिला को राजनीतिक दबाव या प्रलोभन के ज़रिए इस्तेमाल किया गया, जो इस मामले को सिर्फ अश्लीलता नहीं, संभावित शोषण की दिशा में मोड़ता है.
सवाल कई, जवाब अभी अधूरे
एक ओर सत्ता का दुरुपयोग, दूसरी ओर सरकारी तंत्र में ब्लैकमेलिंग की संस्कृति यह घटना एक समाज के रूप में हमारे मूल्यों पर चोट है. अब यह देखना अहम होगा कि क्या पुलिस इस केस की निष्पक्ष जांच कर सकेगी या यह मामला भी राजनीतिक रसूख की चादर में दबा दिया जाएगा. जनता जवाब चाहती है और उन्हें जवाब मिलना चाहिए.