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मध्य प्रदेश में 280 बार मरे 47 लोग, खातों में करोड़! MP का 'सांप घोटाला' उड़ा देगा होश

नवंबर 2022 में डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू एंड अकाउंट्स की जांच (ऑडिट) में इस पूरे कांड का पर्दाफाश हुआ. पता चला कि जिन लोगों को बार-बार मरा हुआ दिखाया गया, वे या तो जिंदा थे या पहले ही एक बार मर चुके थे, लेकिन फर्जी कागजों के सहारे बार-बार राहत की रकम ली गई.

मध्य प्रदेश में 280 बार मरे 47 लोग, खातों में करोड़! MP का सांप घोटाला उड़ा देगा होश
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( Image Source:  AI: Representative Image )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 28 Nov 2025 6:17 PM IST

मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की केवलारी तहसील में एक बहुत ही चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है. जहां एक ही इंसान को कई बार मृत दिखाकर सरकारी खाते से करोड़ों का गबन हुआ. यहां 47 लोगों को सरकारी कागजों में 280 बार मरा हुआ दिखाया गया. इसके जरिए हर बार प्राकृतिक आपदा राहत राशि दी गई.

जहां हर मौत पर सरकार ने 4 लाख रुपये की राहत राशि मंजूर की और इस तरह कुल मिलाकर 11 करोड़ 26 लाख रुपये का घोटाला हुआ. जहां इस मामले में तहसीलदार आरोपी पाया गया है. चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला.

द्वारका बाई की 29 'मौतें'

सबसे हैरानी की बात द्वारका बाई नाम की एक महिला के मामले में सामने आई. बताया गया कि उन्हें सांप ने काटा और उनकी मौत हो गई, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में उन्हें 29 बार मरा हुआ बताया गया और हर बार 4 लाख रुपये मंजूर हुए. इस तरह उनके नाम पर 1 करोड़ 16 लाख रुपये निकाल लिए गए. वहीं, ऐसा ही कुछ श्री राम नाम के व्यक्ति के साथ हुआ. उन्हें भी 28 बार मरा हुआ दिखाकर हर बार राहत राशि निकाली गई.

जांच में खुली पोल

नवंबर 2022 में डिपार्टमेंट ऑफ रेवेन्यू एंड अकाउंट्स की जांच (ऑडिट) में इस पूरे कांड का पर्दाफाश हुआ. पता चला कि जिन लोगों को बार-बार मरा हुआ दिखाया गया, वे या तो जिंदा थे या पहले ही एक बार मर चुके थे, लेकिन फर्जी कागजों के सहारे बार-बार राहत की रकम ली गई.

मास्टरमाइंड था तहसील का क्लर्क

जांच में पता चला कि इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड केवलारी तहसील का क्लर्क सचिन दहायत था. उसने 2019 से 2022 के बीच फर्जी तरीके से कई लोगों को मरा हुआ दिखाकर सरकारी पैसे पास करवाए और वो पैसा अपने रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों के खातों में डलवा दिया. जांच रिपोर्ट में उस समय के एसडीएम अमित सिंह बमरोलिया और चार तहसीलदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की सिफारिश की गई है. इसका मतलब है कि सिर्फ एक क्लर्क नहीं, बल्कि कई बड़े अफसर भी इसमें शामिल हो सकते हैं.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट गायब

जांच टीम ने बताया कि जिन लोगों को मरा हुआ दिखाया गया, उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट या मृत्यु प्रमाणपत्र आज तक नहीं मिले. इससे ये साफ नहीं हो पा रहा है कि वे लोग असल में जिंदा हैं या मर चुके हैं.

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