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'Lubna Qureshi' वाले धाकड़ के सिर पर किसका हाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने किस तरफ किया इशारा?

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद मंदसौर के नेता मनोहर धाकड़ चर्चा में हैं. गिरफ्तारी और जमानत के बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के मंच से दिए गए इशारे ने मामले को नया मोड़ दे दिया है. फर्जी दावों, एडिटेड वीडियो और राजनीतिक संदेहों के बीच यह मामला AI युग की राजनीति का प्रतीक बनता जा रहा है.

Lubna Qureshi वाले धाकड़ के सिर पर किसका हाथ, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने किस तरफ किया इशारा?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 4 Jun 2025 3:15 PM IST

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर मनोहर धाकड़ का एक आपत्तिजनक वीडियो सामने आने के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया. पहले पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया, फिर एक दिन में ही उन्हें ज़मानत मिल गई. लेकिन सियासी गलियारों में बवाल थमा नहीं. अब इस केस में नेताओं के बयान और मंच पर हो रहे इशारे भी शक के घेरे में हैं.

मंदसौर में महाराणा प्रताप जयंती कार्यक्रम के दौरान जब कांग्रेस नेता व पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से पत्रकारों ने धाकड़ मामले पर सवाल किया, तो उन्होंने जवाब देने के बजाय मंच पर मौजूद पूर्व विधायक यशपाल सिसोदिया की ओर इशारा कर दिया. यह इशारा अब राजनीतिक हलकों में नई चर्चा का केंद्र बन गया है. क्या यह संकेत कुछ और बता रहा है?

यशपाल सिसोदिया से धाकड़ का संबंध

राजनीतिक सूत्रों का दावा है कि यशपाल सिसोदिया और मनोहर धाकड़ एक ही संगठनात्मक क्षेत्र से आते हैं. भले ही दोनों की कोई साझा तस्वीर सामने न आई हो, लेकिन यह चर्चा गर्म है कि सिसोदिया ने धाकड़ की पत्नी के चुनाव में सक्रिय भूमिका निभाई थी. यह जुड़ाव सवालों के घेरे में है कि क्या धाकड़ को किसी राजनीतिक संरक्षण का लाभ मिला?

फर्जी दावा या बदनाम करने की साजिश?

सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने दावा किया कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला Lubna Qureshi हैं. लेकिन तथ्य यह है कि यह दावा झूठा निकला. जिस वीडियो को आधार बनाकर यह अफवाह फैलाई गई, वह दरअसल पाकिस्तान का पुराना वीडियो है. इस भ्रम ने न सिर्फ लुबना कुरैशी नाम से महिला की प्रतिष्ठा पर सवाल उठाया, बल्कि राजनीतिक माहौल को भी दूषित किया.

AI युग में वीडियो एडिटिंग और फर्जीवाड़ा

मनोहर धाकड़ के वकील सोनी का कहना है कि यह मामला बिना किसी फॉरेंसिक जांच के दर्ज किया गया है. उनका दावा है कि वीडियो की सत्यता पर गंभीर शक है और इसमें एडिटिंग की आशंका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. उन्होंने इसे बदनाम करने की साजिश बताया और कहा कि जिस गाड़ी के नंबर से उन्हें जोड़ा गया, वो भी संदिग्ध है.

राजनीति व नैतिकता के बीच फंसा नेता

13 मई को वायरल हुए इस वीडियो ने केवल एक नेता की छवि पर सवाल नहीं उठाए, बल्कि यह भी उजागर किया कि कैसे सोशल मीडिया, बिना पुष्टि के, चरित्रहनन का उपकरण बन सकता है. बीजेपी ने पहले ही धाकड़ से दूरी बना ली है, लेकिन विपक्ष में भी इस मुद्दे को लेकर एकराय नहीं दिख रही. यह मामला अब राजनीति और नैतिकता के बीच टकराव की मिसाल बनता जा रहा है.

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