देश के सबसे स्वच्छ शहर पर लगा कलंक! दूषित पानी पीने से इंदौर में हुई 8 की मौत, 3 अधिकारियों पर गिरी गाज
मध्य प्रदेश का इंदौर जिसे लगातार 8 सालों तक देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया और वॉटर प्लस का खिताब हासिल था, अब पानी की लापरवाही के कारण सुर्खियों में आ गया है. शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी पीने से 8 लोगों की मौत हुई है, जबकि लगभग 40 लोग बीमार हैं.
मध्य प्रदेश का इंदौर जिसे लगातार 8 सालों तक देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया और वॉटर प्लस का खिताब हासिल था, अब पानी की लापरवाही के कारण सुर्खियों में आ गया है. शहर के भागीरथपुरा क्षेत्र में दूषित पानी पीने से 8 लोगों की मौत हुई है, जबकि लगभग 40 लोग बीमार हैं.
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इस गंभीर मामले ने शहर की स्वच्छता और पानी की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते हालात बेकाबू हो गए और पीड़ित परिवारों में गुस्सा और चिंता का माहौल है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए नगर निगम के 2 अधिकारियों को निलंबित और एक को बर्खास्त कर दिया है.
भागीरथपुरा में दूषित पानी से मौतें
बीते कई दिनों से भागीरथपुरा क्षेत्र के निवासी नलों से गंदा और बदबूदार पानी आने की शिकायत कर रहे थे. बावजूद इसके प्रशासन ने समय पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया. नतीजतन, 24 दिसंबर से इलाके में उल्टी और दस्त की शिकायतें तेजी से बढ़ने लगीं और देखते ही देखते स्थिति गंभीर हो गई.
सरकारी कार्रवाई और मुआवजा
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने नगर निगम के दो अधिकारियों को सस्पेंड और तीसरे की सेवा समाप्त कर दी. मृतकों के परिजनों को 2–2 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की गई. इसके अलावा तीन सदस्यों की जांच कमेटी बनाई गई है, जो पूरे मामले की विस्तृत जांच करेगी.
मंत्री का दौरा और राहत का आश्वासन
केंद्रीय मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया. उन्होंने कहा, “पीड़ितों का अस्पतालों में मुफ्त इलाज होगा.” हालांकि पीड़ित परिवारों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में उन्हें काउंटर पर 50 हजार रुपए देने को कहा गया.





