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ऐसे भाषण मत दो, पिता से सीखो; शिवराज सिंह चौहान के बेटे को कांग्रेस नेता ने दी सलाह

शिवराज सिंह के बेटे कार्तीकय को कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सलाह दी है. उन्होंने कहा कि वह अभी इस तरह के भाषण देने से बचें. साथ ही अभी उन्हे अपने पिता से सीख लेने की जरुरत है. कांग्रेस नेता ने कहा कि आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र समान हैं. यह मेरी राय है आप मानें ना मानें आप जानें.

ऐसे भाषण मत दो, पिता से सीखो; शिवराज सिंह चौहान के बेटे को कांग्रेस नेता ने दी सलाह
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Published on: 25 Oct 2024 2:17 PM

मध्य प्रदेश में बधूनी सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं. इस सीट पर लड़ने के लिए कांग्रेस और बीजेपी की आपसी तकरार दिखाई दे रही है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे इस सीट से बीजेपी के लिए जमकर प्रचार प्रसार करते हुए एक बार फिर बीजेपी को जीत दिलवाने की तैयारी में लगे हुए हैं. वहीं चुनाव से पहले एक रैली को संबोधित करने शिवराज के बेटे कार्तिकय पहुंचे.

कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान उन्होंने एक कहा कि अगर इस बार चुनाव की जीत हुई और 19-20 का फर्क आया तो बुधनी के किसी गां में ईंट नहीं लगने वाली है. ये कहते हुए जनता से बीजेपी को वोट देने की अपील की. इस पर अब कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है.

ऐसे बयानों से बचने की नसीहत

सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह के बेटे को ऐसे बयानों से बचने की नसीहत दी है. उन्होंने लिखा कि "कार्तिकेय अभी से इस प्रकार का भाषण ना दो. अपने पिता शिवराज सिंह चौहान से सीखो. लोकतंत्र में सरकार और विपक्ष दोनों मिलकर भारत निर्माण में सहयोग करते हैं.10 साल तक मैं मुख्यमंत्री रहा, लेकिन मैंने इस प्रकार की भाषा का कभी उपयोग नहीं किया आपके पिता गवाह हैं. उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा कि पंचायत राज कानून में निर्माण काम करने के जिम्मेदारी सरपंच की होती है ना की विधायक की. और आप तो अभी ना सरपंच हैं ना विधायक. आप मेरे पुत्र नहीं पौत्र समान हैं. यह मेरी राय है आप मानें ना मानें आप जानें. जय सिया राम.

इस सीट से दिया था इस्तीफा

पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस सीट से एक बार फिर से जीत हासिल की थी. लेकिन इस सीट से चुने जाने के बाद उन्हें मंत्री पद सौंपा गया था. जिसके बाद उन्होंने अपनी विधायकी पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद से ही ये सीट खाली हो गई. वहीं अब होने जा रहे चुनाव में बीजेपी के रमाकांत भार्गव से मुकाबला होने वाला है. वहीं कांग्रेस ने राजकुमार पटेल को इस सीट से उतारा है.

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