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बच्‍चे पैदा होते हैं एमपी में और बर्थ सर्टिफिकेट राजस्‍थान का, अजब है मंदसौर के इस इलाके की कहानी

Mandsaur News: भैसोदा मंडी का लगभग 5 किमी क्षेत्र भवानीमंडी से जुड़ा है. इससे ये लोग दोनों राज्यों से जुड़े रहते हैं. भैसोदा मंडी इलाके में कुछ घर ऐसे हैं, जिनका पता को एमपी का है, लेकिन पानी बिल राजस्थान सरकार की ओर से आता है. एमपी के इस इलाके के बच्चे पढ़ने के लिए राजस्थान जाते हैं, हालांकि राजस्थान का मूल निवास न क्षेत्र होने से स्कॉलरशिप नहीं मिलती.

बच्‍चे पैदा होते हैं एमपी में और बर्थ सर्टिफिकेट राजस्‍थान का, अजब है मंदसौर के इस इलाके की कहानी
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निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 24 March 2025 5:50 PM IST

Mandsaur News: देश में बहुत सी ऐसी जगह है, जहां घरों की छतें दो राज्यों के बॉर्डर से मिलती हैं. मध्य प्रदेश के मंदसौर के भैसोदा मंडी इलाके में कुछ घर ऐसे हैं, जिनका पता को एमपी का है, लेकिन पानी बिल राजस्थान सरकार की ओर से आता है. इससे अजीब मामले की वजह से यह इलाका हमेशा चर्चा में बना रहता है. स्थानीय लोग भी हैरत में पड़ जाते हैं कि आखिर ये कैसे संभव है.

दैनिक भास्‍कर की रिपोर्ट के अनुसार, भैसोदा मंडी इलाके में कुछ घर ऐसे हैं, जिनमें रसोई की खिड़की राजस्थान में खुलती है और पिछले हिस्से से मध्य प्रदेश नजर आता है. इस इलाके में लगभग 500 घर, दुकानें हैं, जिनका अगला हिस्सा राजस्थान में और पिछला एमपी में है. दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि राजस्थान के झालावाड़ में स्थित भवानी मंडी कस्बा और मंदसौर की भैसोदा मंडी एमपी और राजस्थान की सीमा पर है.

इलाज के लिए राजस्थान जाती हैं महिलाएं

भैसोदा मंडी का लगभग 5 किमी क्षेत्र भवानीमंडी से जुड़ा है. इससे ये लोग दोनों राज्यों से जुड़े रहते हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवानी में गाइनाकोलॉजिस्ट डॉ पूजा मीणा ने बताया कि एमपी से महिलाएं डिलीवरी के लिए आती हैं. दोनों राज्यों में स्वास्थ्य योजनाएं अलग हैं. प्रसूताओं को एमपी में प्रसव पर 1500 रु. मिलते हैं लेकिन 15 किमी की दूरी तय करके भानपुरा जाने के बजाय वे भवानीमंडी जाती हैं. बच्चों का जन्म राजस्थान में होने से बर्थ सर्टिफिकेट राजस्थान का ही बनता है.

राजस्थान पढ़ने जाते हैं बच्चे

भैसोदा मंडी में उच्च शिक्षा के लिए सरकारी संस्थान ज्यादा नहीं हैं. इसलिए छात्र पढ़ने के लिए राजस्थान आते हैं. राजस्थान का मूल निवास न क्षेत्र होने से स्कॉलरशिप नहीं मिलती.केमिस्ट्री के लेक्चरर जितेंद्र बताते लोग हैं, मूल निवास एमपी का है और पढ़ाई राजस्थान से की है तो छात्र को स्टेट कोटा पाने के लिए एमपी में ही अप्लाई करना होगा.

चुनाव में विवाद

मध्य प्रदेश और राजस्थान के इन कस्बों को लेकर चुनाव के दौरान काफी बवाल देखने को मिलता है. लोगों ने दोनों राज्यों के वोटर आईडी कार्ड बनवा रखे हैं, इसलिए वोट को लेकर अक्सर बहस छिड़ जाती है. साथ ही दोनों जगह की आबकारी नीतियों के लेकर भी लोगों को समस्या होती है. राजस्थान में शराब की दुकानें 8 बजे बंद हो जाती है, लेकिन एमपी में 11 बजे. इसलिए भिवानी मंडी के लोग 8 बजे के बाद एमपी के भैसोदा पहुंच जाते हैं.

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