बीजेपी कर रही डैमेज कंट्रोल! बुधनी सीट पर एक दूसरे के खिलाफ हुए शिवराज के दोनों करीबी
माना जाता है कि राजेंद्र सिंह की गिनती शिवराज के करीबियों में होती है. राजेंद्र सिंह का मानना है कि जब शिवराज केंद्र में गए तो इस सीट पर टिकट की दावेदारी मेरी हो. लेकिन पार्टी ने रमाकांत भार्गव को मैदान में उतारा, इसी बात से विरोध शुरू हो गया.

शिवराज सिंह चौहान के गढ़ बुधनी में उपचुनाव होना है. यहां पर बीजेपी ने प्रत्याशी का ऐलान भी कर दिया है. लेकिन यहां के बीजेपी कार्यकर्ताओं ने प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं, शिवराज सिंह चौहान के बुलाए गए बैठक में उनके बेटे कार्तिकेय का भी दुख छलक पड़ा.
हालांकि प्रत्याशी की घोषणा के बाद कार्तिकेय सिंह चौहान ने कहा था कि रमाकांत भार्गव जी वरिष्ठ नेता हैं. उनके नेतृत्व में हमने कई चुनाव लड़े हैं. वो काफी अनुभवी नेता हैं. बीजेपी में कई ऐसे नेता हैं जो मुझसे ज्यादा योग्य और डिज़र्विंग हैं.
क्यों उठे बगावत के सुर?
शिवराज सिंह चौहान के सांसद बनने के बाद बुधनी सीट खाली हो गई थी. इस सीट से पूर्व विधायक राजेन्द्र सिंह राजपूत को सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था. लेकिन बीजेपी ने पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को टिकट दे दिया. इस बात से नाराज राजेन्द्र सिंह राजपूत ने भेरूंदा में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की. अब कार्यकर्ताओं ने उन्हें ही उम्मीदवार बनाए जाने की मांग की है. वहीं, पार्टी की तरफ से इसे मैनेज करने की जिम्म्मेदारी पूर्व मंत्री रामपाल सिंह को दी गई है.
क्या है नाराजगी का कारण?
साल 2003 में बुधनी सीट से राजेन्द्र सिंह राजपूत को जीत मिली थी. 2005 में जब शिवराज सिंह चौहान सीएम बने तो उन्होंने शिवराज के लिए ये सीट छोड़ दी थी. इसके बाद यहां से लगातार शिवराज ही यहां से चुनाव लड़ते रहे. माना जाता है कि राजेंद्र सिंह की गिनती शिवराज के करीबियों में होती है. राजेंद्र सिंह का मानना है कि जब शिवराज केंद्र में गए तो इस सीट पर टिकट की दावेदारी मेरी हो. लेकिन पार्टी ने रमाकांत भार्गव को मैदान में उतारा, इसी बात से विरोध शुरू हो गया.
राजेन्द्र और रमाकांत का शिवराज कनेक्शन
दोनों को शिवराज का करीबी बताया जा रहा है. राजेन्द्र सिंह राजपूत बुधनी सीट से विधायक रह चुके हैं. उन्होंने शिवराज के लिए विधायकी त्याग दी थी. वहीं, रमाकांत बुधनी विधानसभा पर हुए 6 चुनाव में शिवराज सिंह के चुनाव संचालक रह चुके हैं. 2024 के चुनाव में रमाकांत का टिकट काटकर बीजेपी ने पूर्व सीएम शिवराज को विदिशा से उम्मीदवार बनाया था.