Kerala: टाइगर से लेकर हाथी-बंदरों को क्यों मारना चाहती है केरल सरकार? केंद्र से किस कानून में बदलाव के लिए मांगी इजाजत
केरल सरकार के आंकड़ों के अनुसार साल 2016-17 से 31 जनवरी 2024-25 तक केरल में वन्यजीवों के हमलों में 919 लोग मारे जा चुके हैं. इन खतरों से लोगों को बचाने के लिए सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार वन्यजीव संरक्षण कानून में संशोधन करे. ताकि खतरनाक जानवरों को नियंत्रित करने के लिए सरकारी एजेंसिया अभियान चला सके.

Kerala Latest News: जंगली जानवरों के खतरनाक हरकतों से परेशान केरल सरकार अब उसे मारने के लिए अभियान चलाना चाहती है. इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र से इजाजत मांगी है. इतना ही नहीं, केरल सरकार राज्य वन्यजीव संरक्षण कानून में भी संशोधन चाहती है. ताकि वह इंसान के लिए खतरनाक बने जानवरों के खिलाफ नियमानुसार कदम उठा सके, लेकिन केंद्र के सहयोग के बिना ऐसा करना पाना संभव नहीं है.
केरल सरकार की इस सोच के पीछे की वजह यह है कि केरल में वन्यजीवों का इंसानों पर हमले एक बड़ी समस्या के रूप में उभरकर सामने आई है. प्रदेश सरकार ने 941 में से 273 गांवों के स्थानीय निकायों को हॉटस्पॉट के रूप में चिह्नित की है. इन्हीं इलाकों में सरकारी एजेंसियां खतरनाक जानवरों को मारने के लिए अभियान चलाना चाहती है.
किसान कृषि भूमि छोड़ने को मजबूर
केरल में पी. विजयन सरकार द्वारा किसानों के लिए खतरा बने जानवरों मुख्य रूप से बाघ, तेंदुआ, हाथी, बाइसन, जंगली सूअर, बोनेट मैकाक और मोर शामिल हैं. बोनेट मैकाक (बंदर की एक प्रजाति) और मोर जीवन के लिए खतरा नहीं हैं, लेकिन उनके बार-बार हमलों ने प्रदेश के किसानों को कृषि भूमि के विशाल भूभाग को छोड़ने पर मजबूर कर दिया है.
जानवरों के खतरनाक होने की वजह क्या है?
केरल सरकार के आंकड़ों के अनुसार साल 2016-17 से 31 जनवरी 2024-25 तक केरल में वन्यजीवों के हमलों में 919 लोग मारे गए और 8,967 अन्य घायल हुए. इन घटनाओं के पीछे की वजह जानने के लिए केरल सरकार ने जांच रिपोर्ट भी तैयार की है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक केरल में इंसान और वन्य जीव के बीच संघर्ष में वृद्धि हुई. इसके पीछे मुख्य वजह वन्यजीव आबादी में क्षेत्रीय उतार-चढ़ाव, आवासीय गुणवत्ता में गिरावट, जानवरों अपने क्षेत्र से बाहर जाने के लिए मजबूर होना, वन क्षेत्रों में घरेलू मवेशियों का चरना, फसल पैटर्न में बदलाव आदि शामिल हैं.
किस कानून में संशोधन करना चाहती है विजयन सरकार?
केरल में पी विजयन की सरकार वन्यजीव संरक्षण कानून की धारा 62 के तहत जंगली सूअरों को एक निश्चित अवधि के लिए हिंसक जानवर घोषित करना चाहती है. राज्य बोनेट मैकाक यानी बंदरों के खतरे को भी दूर करने की योजना है. इसके लिए वन्यजीव संरक्षण कानून की अनुसूची 1 की श्रेणी से हटाना होगा. बंदरों की इस प्रजाति को 2022 में अनुसूची में शामिल किया गया था. तब तक मुख्य वन्यजीव वार्डन मानव बस्तियों में उत्पात मचाने वाले बंदरों को पकड़ने और उन्हें स्थानांतरित करने का आदेश दे सकता था. अब वार्डन इस खतरे पर खुद से कोई कार्रवाई नहीं कर सकता.